बिहार में सत्तारूड़ गठबंधन दल एख बार फिर नाराजगी की खबरें आ रही है। राज्यसभा सीटों को लेकर बिहार में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। राज्यसभा के लिए सीट बंटवारे को लेकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बगावती तेवर दिखाए हैं। मांझी ने राज्यसभा की सीट को लेकर एनडीए को धमकी देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी को राज्यसभा सीट नहीं दी गई, तो वह केंद्रीय कैबिनेट और एनडीए छोड़ देंगे।

पूर्व बिहार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें एनडीए में अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने संकेत दिया कि यदि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को आगामी राज्यसभा चुनावों में सीट नहीं दी जाती है, तो उन्हें अपनी राजनीतिक रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
गठबंधन में “विश्वासघात” का जिक्र
गयाजी संसदीय क्षेत्र में पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांझी ने गठबंधन में अपने साथ हुए कथित “विश्वासघात” का जिक्र करते हुए स्थानीय भाषा मगही में कहा, “अगर हमें हमारा हक नहीं मिला तो हमें अपनी राह खुद बनानी होगी। मेरा अपना मंत्री पद कोई बड़ी बात नहीं है। अगर मैं केंद्रीय कैबिनेट में नहीं भी रहूं तो भी मैं राजनीतिक रूप से टिक जाऊंगा।”
राज्यसभा के लिए एक सीट की डिमांड
मांझी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, “उस समय हमसे कहा गया था कि दो लोकसभा सीटें दी जाएंगी। बाद में कहा गया कि एक राज्यसभा सीट दी जाएगी। उस समय हमें एक लोकसभा सीट दी गई और हम वह चुनाव जीत भी गए।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें मंत्री भी बनाया, लेकिन आज राज्यसभा की एक सीट बकाया है।” मांझी ने आगे कहा, “2024 के चुनाव और लोकसभा के परिणाम के आधार पर ही अप्रैल में जो राज्यसभा का चुनाव होगा, उसमें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को एक सीट मिलनी चाहिए। यही मेरी मांग है।”
पार्टी पदाधिकारियों का नाम लेकर कर दी बड़ी मांग
मांझी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी, जिसका संसद में केवल एक सांसद है, अब राज्यसभा में भी सीट चाहती है। हालांकि, जब पत्रकारों ने उनसे और सवाल किए, तो मांझी ने अपनी विशिष्ट शैली में पलटी लेते हुए कहा, “कृपया मेरे शब्दों को संदर्भ से बाहर न पेश करें। मैं अपनी पार्टी का निर्णय नहीं ले सकता क्योंकि मैं उसका कार्यालय अधिकारी नहीं बल्कि केवल संरक्षक (संग्रक्षक) हूं। मांझी का कहना है कि यह बात वह अपने पार्टी के पदाधिकारियों से कह रहे हैं।

