Bihar: बिहार में वंशावली बनाने के झंझटो से छुटकारा, शहरी क्षेत्रों में अब सीओ को बड़ी जिम्मेदारी

Neelam
By Neelam
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बिहार सरकार ने जमीन खरीद प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले से आम नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस फैसले से शहरवासियों के लिए मुश्किल काम को आसान कर दिया है।

शहरों में रहने वालों के लिए राहत

दरअसल, शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वंशावली बनाने में काफी समस्या होती थी। अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग दोनों ने मिलकर बड़ा निर्णय लिया है। अब नगर निकायों के अंतर्गत आने वाले नागरिक अपने संबंधित अंचल क्षेत्र के अंचल अधिकारी से वंशावली प्राप्त कर सकेंगे।

व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू

यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट निर्णय लेते हुए नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में वंशावली निर्गत करने के लिए अंचल अधिकारी को सक्षम प्राधिकार घोषित कर दिया है।

लोगों की मुश्किलें होंगी आसान

दरअसल, पहले नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में रहने वाले शहरवासियों के लिए वंशावली बनाना काफी मुश्किल का काम था। वंशावली बनाने के लिए पहले वे अपने वार्ड पार्षद को देते थे, फिर वार्ड पार्षद नगर कार्यालय में ले जाते थे। इसके बाद अंचल अधिकारी के यहां दौड़ना पड़ता था। फिर अंचलाधिकारी भी नगर निकाय को भेजते थे। अब इस मुश्किल को आसान करने के लिए प्रधान सचिव सीके अनिल ने आदेश जारी कर दिया है।

अब तक वंशावली के लिए होना पड़ता था हलकान

आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में अब तक वंशावली जारी करने के लिए कोई सुस्पष्ट व्यवस्था या सक्षम प्राधिकार निर्धारित नहीं था। इसी कारण संपत्ति बंटवारे, नामांतरण, दाखिल-खारिज और न्यायिक प्रक्रियाओं में लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। ग्रामीण इलाकों में पंचायती राज विभाग के परिपत्र के तहत सरपंच वंशावली जारी करते हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने से भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। 18 दिसंबर को महाधिवक्ता के साथ हुए विमर्श के बाद विधि विभाग ने इस असमंजस को दूर करते हुए अंचलाधिकारी को वंशावली जारी करने का अधिकार देने के प्रस्ताव पर सहमति दी। इसके बाद विभाग ने आदेश जारी कर इसे लागू कर दिया।

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