डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज अपने एक दिवसीय दौरे पर लौहनगरी जमशेदपुर पहुंचीं। सोनारी एयरपोर्ट पर झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति बनने के बाद जमशेदपुर का यह उनका पहला आधिकारिक दौरा है, जिसे संथाली गौरव और शिक्षा जगत के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है।

ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष: करनडीह में जुटेंगे दिग्गज
राष्ट्रपति के दौरे का मुख्य आकर्षण करनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान है। यहां वे ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष (1925-2025) के भव्य समारोह को संबोधित करेंगी। ओलचिकी लिपि संथाली भाषा की आत्मा है, जिसका आविष्कार पंडित रघुनाथ मुर्मू ने किया था। राष्ट्रपति इस अवसर पर पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी और संथाली साहित्य में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को सम्मानित करेंगी। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति का स्वागत पारंपरिक संथाली शैली ‘सेंद्रा धुन’ के साथ किया जाएगा।

NIT जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में शिरकत
सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति NIT जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस वर्ष कुल 1,114 छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। राष्ट्रपति शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए दो प्रतिष्ठित हस्तियों को मानद उपाधियां भी प्रदान करेंगी। शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रपति की उपस्थिति छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए जमशेदपुर प्रशासन अलर्ट पर है। सोनारी से लेकर करनडीह और एनआईटी कैंपस तक सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम किए गए हैं। प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक रूट डायवर्ट किए गए हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो।

