डिजिटल डेस्क/ कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार आगामी गंगासागर मेले की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष सतर्कता बरत रही है। पिछले दिनों महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की दुखद घटना से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार नवाचार करने का निर्णय लिया है। मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए इस वर्ष 40 चिन्हित स्थानों पर ‘ड्रॉप गेट’ तैयार किए जा रहे हैं, जिन पर पहली बार ट्रैफिक लाइटें लगाई जाएंगी। इन लाइटों के माध्यम से श्रद्धालुओं को यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें कब रुकना है और कब आगे बढ़ना है। लाल बत्ती होने पर भीड़ को रोका जाएगा और हरी बत्ती जलने पर ही आगे बढ़ने की अनुमति होगी।
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ न होने के कारण गंगासागर में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु उमड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में राज्य सचिवालय (नबन्ना) में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने पुलिस और संबंधित मंत्रियों को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के कड़े निर्देश दिए हैं। इन ट्रैफिक लाइटों का उद्देश्य न केवल भीड़ को व्यवस्थित करना है, बल्कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति या भगदड़ की संभावना को शून्य करना है। मेले के दौरान संचार और निगरानी के लिए अन्य आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जाएगा।

