जमशेदपुर : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा 24 मार्च से ‘स्वच्छ विद्यालय: स्वस्थ्य बच्चे 2022’ अभियान राज्य स्तर से प्रारंभ किया जा रहा है, इसी के निमित्त आज जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रविन्द्र भवन सभागार, साकची में आयोजित किया गया। कार्यशाला में जिला उपायुक्त विजया जाधव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई, जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, निदेशक डीआरडीए, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
जिला उपायुक्त ने कार्याशाला को संबोधित करते हुए कहा कि जिला, प्रखंड और विद्यालय स्तर पर स्वच्छता से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जायेगी। जिसमें सरकारी स्कूलों में 24 मार्च से 30 मार्च तक स्वच्छ विद्यालय: स्वस्थ्य बच्चे अभियान चलेगा, इस दौरान स्कूलों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को राज्य स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि पूर्व के वर्षों के बेहतर प्रदर्शन को दोहराते हुए उम्मीद है इस वर्ष प्रत्येक प्रखंड से कम सम कम दो स्कूल स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए जिला का प्रतिनिधित्व राज्य स्तर पर जरूर करेंगे। उन्होने कहा कि इस अभियान में विद्यालयों के बच्चे, शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य, सरस्वती वाहिनी की सदस्या, अभिभावक, बच्चों के माता-पिता, मुखिया, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं ग्रामीणों की सहभागिता होनी है।

जिला उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी लोगों ने साफ-सफाई की महत्ता को जरूर समझा होगा, ऐसे में जरूरी है कि दैनंदिन जीवन में स्वच्छता संबंधित आदतों, क्रियाकलापों को व्यापक रूप से अपनाया जाय। साथ ही उन्होने कहा कि साफ-सफाई के अलावा कचड़ा प्रबंधन व निस्तारण को लेकर भी लोगों में जागरूकता लाना काफी जरूरी है। विद्यालय स्तर पर संचालित किए जाने वाले अभियान में स्वच्छता पर की जाने वाली आदर्श गतिविधियां, निबंध, पेंटिंग तथा अन्य जागरूरता कार्यक्रम आयोजित की जानी है। शिक्षक प्रत्येक दिन बाल संसद के सदस्यों के माध्यम से स्वच्छता के विषय पर बोलने के लिए प्रेरित करेंगे। इसमें मुख्य रूप से बच्चों के व्यवहार परिवर्तन, भोजन के पूर्व एवं शौच के बाद हाथ धोना, व्यक्तिगत स्वच्छता, शौचालय का उपयोग आदि पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। सभी गतिविधियों के डॉक्यूमेंटेशन तथा फोटोग्राफ्स लेने का भी निर्देश दिया गया। ताकि राज्य स्तर पर जिले के सफल गतिविधियों को प्रदर्शित किया जा सके।
स्वच्छ विद्यालय: स्वस्थ्य बच्चे कार्यक्रम की 24-30 मार्च तक गतिविधियां
- स्वच्छता पर आधारित शिक्षकों द्वारा विशेष कक्षाओं का आयोजन, बाल संसद का उन्मुखीकरण करना व कार्ययोजना तैयार करना, सामूहिक रूप से मध्याह्न भोजन के पूर्व हाथ धोने का अभ्यास करना, सभी विद्यालयों का स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में फाइनल सब्मिशन करना
- कक्षा-कक्ष, शिक्षक कक्ष, सभी कक्षों, पुस्तकालय, प्रयोगशाला की विशेष सफाई तथा व्यवस्थित व स्थापित करना, विद्यालय परिसर की विशेष सफाई, पेयजल स्त्रोत व शौचालय की सफाई, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन व MHM लैब की स्थापना(माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में), सामूहिक रूप से मध्याह्न भोजन के पूर्व हाथ धोने का अभ्यास करना।
- विद्यालय में स्थित मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का आंकलन करना, विद्यालय में पेयजल व शौचालय से संबंधित समस्याओं की पहचान करना, प्रत्येक कक्षा-कक्ष में बच्चों के पीने के पानी की व्यवस्था, शौचालय की साफ-सफाई के लिए योजना बनाना, सामूहिक रूप से मध्याह्न भोजन के पूर्व हाथ धोने का अभ्यास करना।
- शौच के लिए शौचालय के उपयोग करने के लिए बच्चों को प्रेरित करना, विद्यालय प्रबंध समिति की विशेष बैठक कर स्वच्छ विद्यालय के लिए कार्य योजना तैयार करना, स्वच्छता सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सामूहिक रूप से मध्याह्न भोजन के पूर्व हाथ धोने का अभ्यास करना, श्रम दान, वृक्षारोपण करना।
- पेयजल से संबंधित मुद्दों की पहचान करना, ठोस कचड़े के सही निस्तारण के लिए कूड़ा-गड्ढा तैयार करना, बेकार पानी के निस्तारण के लिए सोख्ता गड्ढा तैयार करना, सामूहिक रूप से मध्याह्न भोजन के पूर्व हाथ धोने का अभ्यास करना
- स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करना, वाद-विवाद व कविता पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन, पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन करना, बच्चों द्वारा तैयार की गई। पेंटिंग, स्लोगन, कविता आदि को कक्षा में लगाना, सामूहिक रूप से मध्याह्न भोजन के पूर्व हाथ धोने का अभ्यास करना, स्वच्छता पर आधारित दीवाल लेखन, पेंटिंग, स्लोगन।