मिरर मीडिया : झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आमलगीर आलम सहित अन्य आरोपियों पर ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के तहत केस दर्ज कर इन मामलों पर अपनी जांच शुरू कर दी है। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बरहरवा थाने में दर्ज केस के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002(2003 के धारा 15) के तहत जांच शुरू की है. बता दें कि कि 22 जून 2020 को बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर के विवाद को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। इसमें ठेकेदार शंभू नंदन कुमार ने मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जबकि शंभू नंदन प्रसाद के खिलाफ भी दो अन्य लोगों ने ठेका विवाद में एफआईआर दर्ज कराया था।
गौरतलब है कि टेंडर प्रकिया के पहले मंत्री आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा और ठेकेदार शंभूनंदन प्रसाद के बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था। मिली जानकारी के मुताबिक शंभू नंदन प्रसाद के आवेदन पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं बरहरवा निवासी दिलीप साहा और उदय कुमार हजारी के आवेदन पर ठेकेदार शंभू नंदन प्रसाद को आरोपी बनाया गया था। जाहिर है ईडी की कार्रवाई से ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।