मिरर मीडिया धनबाद : विद्यालय शिक्षा का मंदिर है जहाँ शिक्षक कच्चे मिट्टी रूपी बच्चे को अच्छे विद्या से सींच कर समाज को एक अच्छा इंसान देता है। विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ अच्छे संस्कार भी अति आवश्यक है। हालांकि विद्यालय के परे माँ बाप का भी इस दिशा में ज्यादा कर्तव्य बनता है कि अपने बच्चों के सुख दुःख उसकी अच्छी और बुरी सोच वगैरह पर खुलकर बात करें और समाधान करें।
आज के परिवेश में जिस तरह से बच्चे मानसिक रूप से बदल रहें है यह वाकई चिंता का विषय है। हमारे बच्चे कल का भविष्य है और अपने भविष्य को संवरना हमारा ही काम है। हाल ही में सिंदरी डीनोबली का मामला सामने आया जिसमें आपसी मारपीट में ही 10 वीँ कक्षा में पढ़ने वाले अस्मित की जान चली गई है। वही शनिवार को DAV की ये घटना ने विद्यालय और बच्चों की मानसिक गतिविधियों पर एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
आपको बता दें कि डीएवी स्कूल के एक छात्र ने अपने ही स्कूल के छात्र पर लोहे के रॉड से वार किया जिससे छात्र बुरी तरह घायल हो गया। यह घटना स्कूल के बाहर गेट नंबर 2 के सामने स्थित पार्क के पास घटी। इस घटना का किसी ने वीडियो भी बना लिया। बाद में भीड़ जुट गई जिसके बाद दोनों को अलग किया गया। खबर मिलते ही छात्र के परिजन पहुंचे एवं छात्र को SNMMCH में भर्ती कराया जहाँ से बाद में बेहतर इलाज के लिए भुदा स्थित स्थानीय नर्सिंग होम में ले जाया गया।
हालांकि परिजनों ने इसकी लिखित शिकायत सरायढेला थाना में भी दर्ज की है। वहीं थाना प्रभारी किशोर तिर्की ने बताया कि छात्र को मारा गया है जिसके बाद परिजनों ने लिखित शिकायत दर्ज की है। वही डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल एन एन श्रीवास्तव ने बताया कि छात्र को सस्पेंड कर दिया गया है छात्र के पिता बीसीसीएल एम्पलाई हैं।
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने धनबाद DSE को पत्र के माध्यम से सुझाव देते हुए स्कूल में मनोचिकित्सक और कांनसलींग को लेकर आग्रह किया है। उन्होंने लिखा कि स्कूल प्रबंधन मनोचिकित्सक रखें और छात्रों को साप्ताहिक काउंसलिंग करवाए। बच्चे में सुधार अवश्य होगा। नहीं तो बच्चे किसी मां बाप के हो बच्चे ग़लत राह पर चले जाएंगे। उनकी मनोदशा को चेंज करना है ना कि उनको कोई दंड दे कर।

