भारतीय जन महासभा ने विद्यालय तथा महाविद्यालय में गीता को शामिल करने की मांग की

Anupam Kumar
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जमशेदपुर। भारतीय जन महासभा के द्वारा रविवार को एक अंतरराष्ट्रीय गूगल मीटिंग का आयोजन किया गया। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कश्मीरी हिंदू विस्थापितों को उनके हितों को ध्यान में रखते हुए कश्मीर में या अन्यत्र पुन: बसाये जाने, बिट्टा कराटे को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने एवं गीता को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बढ़ाए जाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया । कश्मीरी हिंदू विस्थापितों की संस्था कश्मीरी समिति के अध्यक्ष सुमीर चरुंगू ने कहा कि हम अपने शहीद पूर्वजों के कातिलों के साथ नहीं रह सकते। यह भी कहा कि क्या गारंटी है कि फिर 1990 जैसी घटनाएं नहीं होगीं। आज भी वही हालात दिखलाई पड़ रहे हैं । ए.के जिंदल ने कहा कि कश्मीरी हिंदू विस्थापितों को फिर से बसाना भारत सरकार के लिए गौरव की बात होगी । इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए । जयश्री शर्मा ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए यह अत्यंत ही शर्मनाक बात है कि हम अपने ही देश में अपने ही लोगों के विस्थापन को पिछले 32 वर्षों से देख रहे हैं। संस्था के वरीय राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध पुस्तक “इनसे हैं हम” के संपादक डॉ अवधेश कुमार अवध ने कहा कि कश्मीरी विस्थापितों का मामला पिछले 32 वर्षों से लटका हुआ है । यह इस देश के लोगों के लिए शर्म की बात है कि अपने ही देश में अपने ही लोग विस्थापित होकर दंश झेल रहे हैं । इनको फिर से बसाए जाने पर अविलंब विचार होना चाहिए । डॉ प्रतिभा गर्ग ने कहा कि 20 कश्मीरी हिंदुओं के कातिल बिट्टा कराटे को सजा अवश्य मिलनी चाहिए और इसमें येन केन प्रकारेण देर करना यह उन हिंदू शहीदों का अपमान करना होगा । यूएसए की रीता सिंह ने कहा कि अपने ही देश में हिंदुओं का विस्थापित होना दुःख एवं विषाद का विषय है । मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि देश बहुत ही विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है । स्थान-स्थान पर कश्मीर फाइल्स फिल्म में जो दिखाया गया है , उस प्रकार की घटनाओं की झलक देखने को मिल रही है । कहा कि कश्मीर के हालात भी सही नहीं है । इस प्रकार कश्मीरी हिंदुओं को फिर से वहां बसाना , उन्हें आग में झोंक देने के समान होगा । इसलिए सरकारों को चाहिए कि कश्मीरी हिंदुओं को कश्मीर में एक अलग स्थान दिया जाए । जहां उनकी सुरक्षा की गारंटी हो उनको वहां बसाया जाए । मीटिंग में अनेक वक्ताओं के द्वारा बिट्टा कराटे को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई । इस मीटिंग में अनेक वक्ताओं के द्वारा श्रीमद भगवत गीता को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पढ़ाये जाने पर जोर दिया गया । बताया गया कि इस ग्रंथ को पढ़कर आने वाली पीढ़ी में देश व समाज के प्रति अपने कर्तव्य पालन की भावना का उदय होगा । इस अंतर्राष्ट्रीय गूगल मीटिंग में विचारोंपरांत निर्णय लेकर भारतीय जन महासभा के द्वारा मांग की गई है कि : 1) 1990 के कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन में जिसका मुख्य हाथ रहा और जिसने 20 से अधिक लोगों की हत्या की , ऐसे खूंखार हत्यारे बिट्टा कराटे को शीघ्रातिशीघ्र कड़ी से कड़ी सजा दी जाए । 2) जम्मू कश्मीर सरकार एवं केंद्र सरकार तत्काल विचार कर कश्मीरी हिंदू विस्थापितों को उनके हितों को ध्यान में रखते हुए फिर से बसाए जाने पर तत्काल उचित निर्णय लें । 3) भारत के सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से गीता पढ़ायी जाए । धन्यवाद ज्ञापन सिंगापुर की डॉ प्रतिभा गर्ग के द्वारा किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय गूगल मीटिंग में धर्मचंद्र पोद्दार के अलावे नई दिल्ली से कश्मीरी समिति के अध्यक्ष सुमीर चरुंगू , सिंगापुर से डॉ प्रतिभा गर्ग और बिदेह नंदनी चौधरी, युगांडा से एके. जिंदल, यूएसए से रीता सिंह, मेघालय से डॉ अवधेश कुमार अवध तथा कई अन्य लोग भी शामिल हुए।

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