मिरर मीडिया : विदेशों में तेजी से फैल रहे मंकी पॉक्स वायरस और भारत में संभावित फैलने की आशंका के बीच कई राज्यों ने अलर्ट जारी कर दिया है वहीं इसी आशंका के बीच झारखंड में भी स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को एहतियात बरतने का निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत सभी जिलों के सिविल सर्जन को जारी किये गए निर्देश में कहा गया है कि अगर किसी भी मरीज में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले तो तत्काल इसे रिपोर्ट करते हुए जांच कराए।
गौरतलब है कि इसी सन्दर्भ में समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने भी झारखंड के स्वास्थ्य सचिव को पत्र के माध्यम से आगाह करते हुए निर्णय लेने की मांग की। वहीं रविवार को एनएचएम के मिशन डायरेक्टर ने सभी जिलों को लिखे पत्र में कहा है कि
यूरोप, यूनाइटेड स्टेट्स और ऑस्ट्रेलिया में मंकीपॉक्स के केस मिले है। हालांकि अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई भी केस नहीं मिला है। लेकिन जिस तरह से कई देशों में मंकीपॉक्स के केस सामने आ रहे है ऐसे में भारत में भी इसके केस मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। चूंकि भारत में अफ्रीकी देशों से काफी संख्या में लोग आते हैं। किसी को भी बुखार और शरीर पर रैशेज मिले और उसकी इंटरनेशनल हिस्ट्री भी जरूरी है. ऐसे लोगों के सैंपल टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर-आईएनवी बीएसएल-4 लैबोरेट्री पुणे भेजे जा सकते है।
एडवाइजरी के मुताबिक मंकीपॉक्स का संक्रमण जानवर से इंसान में और फिर इंसान से इंसान में होता है। मंकीपॉक्स वायरस शरीर में ब्रोकन स्क्रीन, रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट या म्यूकस मेंब्रेन जैसे नाक और मुंह से प्रवेश कर सकता है। इसलिए वैसे लोग जिनके शरीर पर रैशेस हो और पिछले 21 दिनों के अंदर इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री रही है तो उन्हें सस्पेक्टेड मानते हुए तत्काल रिपोर्ट करें। उन्हें आइसोलेट करते हुए सैंपल टेस्ट कराए। वहीं रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर 21 दिनों के अंदर कांटैक्ट ट्रेसिंग भी करें।