मिरर मीडिया : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आई.आई.एम परिसर, पुंदाग रांची में आयोजित 73वें वन महोत्सव-2022 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को प्राकृतिक संतुलन बनाकर ही रोका जा सकता है। झारखंड के शहरी क्षेत्र में रहने वाले वैसे परिवार जो अपने घर के कैंपस में पेड़ लगाएंगे उन्हें राज्य सरकार प्रति पेड़ 5 यूनिट बिजली फ्री देगी। जब तक कैंपस अथवा घरों के परिसर में पेड़ रहेंगे उन्हें यह लाभ मिलता रहेगा परंतु ध्यान रहे यह पेड़ कोई गेंदा या गुलाब का पौधा नहीं बल्कि कोई फलदार या अन्य वृक्ष होनी चाहिए।

इस बाबत हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया
आज वन महोत्सव के अवसर पर मैंने घोषणा की है कि झारखण्ड के शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग अगर अपने घर के कैंपस में पेड़ लगाते हैं और उसका संरक्षण करते हैं तो उन्हें प्रत्येक पेड़ पर 5 यूनिट बिजली फ्री दी जायेगी। शहरी क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हम पेड़ लगायें।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ करते हुए जिस प्रकार हम विकास की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं, उससे विनाश को भी आमंत्रण दे रहे हैं।

अगर सामंजस्य नहीं बैठाया तो मनुष्य जीवन को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व में एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है। जलवायु परिवर्तन से हमें सचेत रहने की आवश्यकता है क्योंकि प्राकृतिक असंतुलन के लिए मनुष्य ही जिम्मेदार है और मनुष्य को ही इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पर्यावरण संवर्धन के उद्देश्य से झारखण्डवासियों के लिए चाकुलिया, गिरीडीह, साहेबगंज एवं दुमका में जैवविविधता पार्क का निर्माण किया जा रहा है। गर्व की बात है राज्य का पहला एवं अनूठा फॉसिल पार्क जनता को समर्पित किया गया है।

इस फॉसिल पार्क में धरती की उत्पत्ति से संबंधित कई अवशेष और जानकारियां मिलती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य का नाम जंगलों पर आधारित है। झारखंड जंगलों से जुड़ी शब्द है।
मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं अन्य अतिथियों ने आई.आई.एम. परिसर में वृक्षारोपण भी किया। मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों द्वारा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

