25 वर्षो से भी अधिक समय से सड़ रही है ये गाड़ियां
मिरर मीडिया : कई थानों के अंदर जब्त की गई पुरानी वाहनों में अब जंग लग चुकी है। जबकि पकड़े गए पुराने वाहन लगभग नियम और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का रोना रों रहा है। आपको बता दें कि किसी भी प्रकार से थाने लाए गए वाहन चाहे वह एक्सीडेंट, ट्रैफिक नियम उल्लंघन, अधूरे कागजात या फिर चोरी किये जाने पर पकड़े गए वाहन वर्षो से अबतक थाने में सड़ रहा है। आपको बता दें कि धनबाद के झरिया थाने के अंदर करीब 28 वर्षो से सड़ती हुई वाहन अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है। आलम ये है कि या तो मालिक अपने वाहन को भूल व्हुके हैं या इनका साथ छोड़ चुके है। पुलिस भी निश्चिंत है। इसी कारण नीलामी भी ठंडे बस्ते में है। परेशानी अब शुरू हो गई है। क्षमता से अधिक गाड़ियां जमा हो गई है।
वाहनों की संख्या बढ़ता जाना और नीलामी नहीं होना समझ से परे है। वर्ष 1994 के तत्कालीन झरिया थाना प्रभारी बीके दास के समय में न्यायालय के आदेश पर झरिया थाने में जब्त वाहनों की नीलामी की गई थी। जिससे सरकार को राजस्व का लाभ हुआ था। मगर 1994 के बाद आज तक थाने में जब्त वाहनों की नीलामी नहीं हुई है। सूत्रों की माने तो थाना परिसर में आज भी दो पहिया व चार पहिया मिलाकर सौ से भी अधिक वाहन हैं। जिसकी नीलामी हो जाए तो सरकार को काफी राजस्व का लाभ हो सकता है। साथ ही थाने में जब्त वाहनों की संख्या भी कम हो सकती है।
पुलिस सूत्रों की माने तो वर्ष 1994 के नीलामी के बाद 2013 तक जब्त हुए वाहनों की पूरी जानकारी झरिया पुलिस को नहीं है। सूत्रों के अनुसार 1994 से 2013 तक हुए जब्त वाहन नीलामी के इंतजार में सड़ कर मिट्टी में समा गए है। आपको बता दें कि धनबाद जिले के 56 थानों में वर्षों से जब्त वाहनों की सूची बनाने को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। बहुत जल्द थानों में जब्त वाहनों की नीलामी होने का आश्वासन भी लोगों को दिया है। लेकिन यह नीलामी कब होगी इसका कोई समय निर्धारित नही किया गया है। जानकारों के अनुसार वाहनों के मालिक का नाम, पता समेत तमाम जानकारी सभी थानों से मांगी गई है। पूरी जानकारी मिलने के बाद ही वाहनों की नीलामी की जाएगी।