जज उत्तम आनंद के हत्यारों की जानकारी देने वालों को 5 लाख का इनाम : सीबीआई क़ी स्पेशल सेल ने क़ी इनाम क़ी घोषणा

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सीबीआई ने शहर के चौक चौराहों पर पोस्टर लगाकर की ईनाम की घोषणा

न्यायाधीश हत्याकांड, हत्यारों की जानकारी देने वालों को पांच लाख का इनाम




मिरर मीडिया धनबाद : 18 दिन बीत जाने के बाद भी धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत क़ी गुत्थी सुलझ नहीं पाई हैं यानी अब तक सीबीआई के हाथ इस मामले में खाली हैं। लिहाजा रविवार स्वतंत्रता दिवस के दिन सीबीआई के स्पेशल सेल ने न्यायाधीश के मौत से संबंधित जानकारी देने वालों के लिए पांच लाख रुपए इनाम की घोषणा कर दी है। इस बाबत सीबीआई ने शहर के सभी चौक चौराहों पर पोस्टर लगाकर लोगों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति न्यायाधीश के हत्यारों या उससे संबंधित कोई भी जानकारी रखता हो तो वह सीबीआई स्पेशल क्राइम ब्रांच वन नई दिल्ली कैंप सीएसआईआर सत्कार गेस्ट हाउस धनबाद मे इसकी सूचना दें या सीबीआई के एसपी सह मामले के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला को मोबाइल नंबर पर फोन कर इसकी जानकारी दे। वहीं इसकी जानकारी देने वालों को सीबीआई 5 लाख का इनाम देगी।

सीबीआई ने जारी किया नंबर

आपको बता दें कि CBI ने शहर में चिपकाए गए पोस्टरों में तीन मोबाइल नंबर जारी किये हैं जिस पर सूचना देने की अपील की गई है वह नंबर है 7827728856, 011- 24368640, 011-24368641

गौरतलब हैं कि 28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह 5:00 बजे के लगभग मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, जिसके बाद पुलिस महकमा न्यायाधीश को ढूंढने में लग गया था। थोड़ी देर बाद रणधीर वर्मा चौक के पास न्यायाधीश घायल मिले। एएनएमएमसीएच ले जाने पर मृत घोषित कर दिए गए। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई हाई कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया। पुलिस ने देर रात चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।

अब तक इस मामले में दो एजेंसियों ने जांच पड़ताल की । प्रारंभिक जांच डीआईजी अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में एसआईटी ने की परंतु एसआईटी के हाथ भी कुछ नहीं लगा। अब सीबीआई की टीम हत्या की गुत्थी सुलझाने में लगी है हालांकि सीबीआई ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की और मामले की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को सौंपी जिस पर अदालत ने असंतोष जाहिर किया था। दूसरी ओर सीबीआई दोनों आरोपियों की नार्को टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने की तैयारी में है। इसके लिए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 6 अगस्त के अदालत के आदेश के बाद 7 अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को अपने हिरासत में ले गई थी। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था।

सिंफर परिसर में हुई थी टेस्टिंग

मामले की जांच कर रहे सीबीआई की स्पेशल सेल ने 9 अगस्त को अदालत से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। 9 एवं10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी। स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है।

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