समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति का सत्ता के शिखर पर देखना ही सम्पूर्ण क्रांति – लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके योगदानो के साथ उन्हें किया गया याद

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लोकनायक स्वतंत्रता सेनानी जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनके योगदान को किया गया याद

मिरर मीडिया : सम्पूर्ण क्रांति के जनक प्रखर समाजवादी भारत रत्न लोक नायक जयप्रकाश नारायण अर्थात जेपी का नाम लेते ही हर भारतीय जो देश या समाज के प्रति जागृत रहता है उसके मन में एक सुभाष चंद्र बोस जैसा कोई गांधी उभर आता है। जो गांधी की तरह अनुशासित तो हो मगर प्रखरता,ओजस्विता और नेतृत्व कौशल में सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व के करीब हो। जो बागी तो हो मगर अराजक नहीं । आजादी के बाद भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा आंदोलन ‘जेपी आंदोलन था। जो भारत में गैर कांग्रेसवाद की स्थापना का कारण बना और आगे चलकर कांग्रेस की गलत नीतियों  के खिलाफ एक बड़ा अभियान बन गया।

ज्ञातव्य हो कि जय प्रकाश नारायण का जन्म 11अक्टूबर 1903 में बिहार के तात्कालिक सारण जिले के सिताब दियारा में हुआ था। भारतीय राजनीति के ये एक ऐसे नायक थे जो संभवतः सुभाष चंद्र बोस के बाद सबसे ज्यादा युवाओं में लोकप्रिय थे। एक जमाना था जब जेपी कट कुर्ते की धुन पूरे देश के युवाओं में जुनून के रूप में लोकप्रिय था। उस वक्त के साहित्यकार ने भी जय प्रकाश नारायण के ऊपर अनेक रचनाएं लिखी।

महान गीतकार गोपाल प्रसाद नीरज ने लिखा
संसद जाने वाले राही कहना इंदिरा गांधी से। बच न सकेगी दिल्ली भी अब जय प्रकाश की आंधी से।।

जेपी के नायकत्व को सारी दुनिया ने पहली वार उस वक्त देखा जब 5 जून 1974 की विशाल सभा में  जेपी ने ‘संपूर्ण क्रांति’ के दो शब्दों का उच्चारण किया। सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है – राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व अध्यात्मिक क्रांति। पटना के गांधी मैदान में लगभग 5 लाख लोगों की जनसभा में देश की गिरती हालत, प्रशासनिक, भ्रष्टाचार, मंहगाई, बेरोजगारी, अनुपयोगी शिक्षा पद्धति और प्रधानमंत्री द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का सविस्तार उत्तर देते हुए जय प्रकाश नारायण ने बेहद भावातिरेक में पहली वार सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि :-

यह क्रांति है मित्रों! और सम्पूर्ण क्रांति है।विधानसभा का विघटन मात्र  इसका उद्देश्य नहीं है। यह तो महज मील का पत्थर  है।हमारी मंजिल तो बहुत दूर है और हमें अभी बहुत दूर तक जाना है।

जेपी ने घोषणा की – भ्रष्टाचार मिटाना,बेरोजगारी दूर करना,शिक्षा में क्रांति लाना आदि ऐसी चीजें हैं जो आज की व्यवस्था से पूरी नहीं हो सकती क्योंकि वे इस व्यवस्था की ही उपज है। वे तभी पूरी हो सकती  है जब संपूर्ण व्यवस्था बदल दी जाय। सम्पूर्ण व्यवस्था में परिवर्तन के लिए क्रांति -सम्पूर्ण क्रांति आवश्यक है।इस व्यवस्था ने जो संकट पैदा किया है वह सम्पूर्ण और बहुमुखी ही होगा।

मेरी रुचि सत्ता के कब्जे में नहीं बल्कि लोगों के द्वारा सत्ता के नियंत्रण में है। व्यक्ति का अपना जीवन बदले,समाज की रचना बदले,राज्य की व्यवस्था बदले, तब कहीं बदलाव पूरा होगा और मनुष्य सुख शांति का मुक्त जीवन जी सकेगा। जेपी का संपूर्ण जीवन सम्पूर्ण गांधी का समग्र है।ऐसे महानायक के जीवन से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी आहूति डालते रहना चाहिए।

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