मिरर मीडिया : साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन को लेकर चार्जशीट दायर करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की नजर अब धनबाद के अवैध कोयला खनन करने वाले माफियाओं पर है। ईडी ने इससे संबंधित शिकायतों पर पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी है। इसपर ईडी के संयुक्त निदेशक की भी सहमति का हवाला दिया गया है।
मक्खू सिंह और बबलू सिंह पर कोयले का अवैध कारोबार के आरोप
रमेश गोप, रामाशंकर सिंह सहित अन्य के खिलाफ है शिकायत
पुलिस महानिरीक्षक को भेजे गए पत्र में ईडी के सहायक निदेशक ने उल्लेख किया है कि शिकायत के अनुसार धनबाद के ईसीएल, मुगमा में लंबे समय से कोयले का अवैध खनन हो रहा है। इसे मक्खू सिंह और उसका पुत्र बबलू सिंह संचालित करते हैं। मां काली के नाम से दोनों भट्ठा चलाते हैं।इसके अलावा रमेश गोप, रामाशंकर सिंह, विनोद कुमार, संजय सिंह एवं अन्य के खिलाफ शिकायतें हैं।
प्रती महिने करीब 300 करोड़ के वसुली की शिकायत
अवैध खनन के नेटवर्क से प्रति महीने 300 करोड़ की वसूली होती है। वसूली का जिम्मा कई निजी व्यक्तियों को है, जिसमें चंदन राय उर्फ शर्माजी, कोयला चोर रमेश गोप और रामाशंकर सिंह का उल्लेख है। ईडी का निर्देश है कि इन शिकायतों से संबंधित पूर्व में की गई प्राथमिकी और आरोपपत्र है तो उससे निदेशालय को अवगत कराएं।
अवैध खनन नेटवर्क का संरक्षक ईसीएल मुगमा एरिया के जीएम को बताया गया है। इसके अलावा कपसार आउटसोर्सिंग के मालिक को बराबर का भागीदार बताया गया है। जीएम पर कोयला खदानों को भरने के नाम पर 50 करोड़ की फर्जी बिलिंग का भी आरोप है। अवैध कोयला के कारोबार में दुधिआपानी स्थित गलफरबाड़ी ओपी थाना, चिरकुंडा के मोती खान का कांटा, कालूबथान ओपी थाना निरसा के रामाशंकर सिंह का कांटा, कंचनडीह स्थित झारखंड कांटा, निरसा के खुदिआ कांटा और देविआना, निरसा के रुस्तम कांटा की भी भागीदारी बताई गई है।
बीसीसीएल के सीनियर मैनेजर और चीफ विजिलेंस आफिसर पर आरोप है कि इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति बनाई है। दोनों अधिकारियों ने खुद और अपने स्वजनों के नाम पर काफी संपत्ति खड़ी की है। गोविंदपुर, धनबाद के रोहित यादव पर रोजाना हजारों टन कोयला चोरी कर अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है। संबंधित साक्ष्य मिले तो ये मनी लांड्रिंग कानून की जद में आ सकते हैं।
हालांकि जिस तरह से धनबाद में धड़ल्ले से कोयले की तस्करी की जा रही है ऐसे में जिन जिन लोगों के नाम पर आरोप लगे हैं उससे संबंधित सभी जानकारियां एवं अन्य दस्तावेजों की भी ईडी ने मांग की है। बहरहाल कोयले की तस्करी में शामिल अधिकारियों समेत कई बड़े चेहरों पर अब ईडी के रडार पर है और बहुत जल्द साक्ष्य के साथ इनके ऊपर ईडी शिकंजा कसने को तैयार है।