रंग बिरंगी तितली हूं मैं, उड़ती हूं बागों में।
काट दिए मेरे पर, जहर घोल दिया सांसों में।
मिरर मीडिया : अंतर्नाद के दूसरे दिन एसएसएलएनटी महिला महाविद्यालय द्वारा दुष्कर्म पीड़िताओं का दर्द बयां करते हुए मार्मिक नाटक का प्रदर्शन किया गया। नाटक के द्वारा दुष्कर्म पीड़िताओं कि जिंदगी के बारे में दिखाए गया। किस प्रकार समाज दुष्कर्म पीड़िताओं स्थान नहीं देता है। और उनकी जिंदगी संघर्षों से भरी रहती है। नाटक को देखकर सभागार में बैठे सभी दर्शकों की आंखें नम हो गई एवं सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

वही नाटक के लेखक ने बताया कि नाटक के माध्यम से दुष्कर्म पीड़िताओं के दर्द को बयां करने का कोशिश किया गया है। एसएसएलएनटी की छात्राओं के द्वारा बखूबी प्रस्तुति की गई है।