जमशेदपुर : बीती रात आईपीएल की ट्राॅफी जब चेन्नई सुपर किंग ने जीता, तब देश का आलम 2011 में जब भारत भारत के लिए महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप जीता था। कुछ वैसा ही था। घर-घर में धोनी के लिए दुआएं और जीत के लिए एक्साइटमेंट। माही के आंख में आंसू , साक्षी के आंखें नम, जीवा भी बेहद हताश और निराश, रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा आंखों में भी भींगी थी। चेन्नई के कई खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य की आंखें भी नम हो चुकी थी। पूरे चेन्नई सुपर किंग्स की कैंप सन्नाटा पसरा था। कॉमेंटेटर बार-बार दुहरा रहे थे- ….ऐसी दीवानगी देखी नहीं कभी। 2023 का आईपीएल फाइनल सुपर एक्साइटमेंट के लिए बरसों याद किया जाएगा। मैच के अंतिम ओवर में जब हर गेंद पर सांसे थम जा रही थी। लगातार गुजरात की तरफ से गेंदबाजी कर रहे मोहित शर्मा हर गेंद पर मैच के रूप को मोड़ते हुए जा रहे थे। ऐसे में अंतिम दो गेंद पर रवींद्र जडेजा ने छक्का और चौका जड़कर इतिहास रच दिया। पांचवी बार आईपीएल का कप चेन्नई सुपर किंग के नाम कर धोनी को एक बड़ा तोहफा दिया। बेस्ट फिनिशर रहे महेंद्र सिंह धोनी की कमी नहीं खलने दी। जिस तरह से जडेजा ने मैच को फिनिश किया। उसकी याद बरसो आती रहेगी।
महेंद्र सिंह धोनी ने 2023 आईपीएल के शुरू होने से पहले अपने सन्यास का संकेत देकर देश और दुनिया के करोड़ों फैन चौंका दिया। इसके चाहने वाले फैंस के जुबान पर एक ही सवाल था- क्या माही आईपीएल के बाद संन्यास ले लेगा। लोग अगले आईपीएल में धोनी को खेलता नहीं देख सकेंगे। यह सवाल था महेंद्र सिंह धोनी के चाहने वाले लाखों-करोड़ों फैंस जुबान पर जिनकी प्यास अधूरी रह गई थी। जो उन्हें अभी देश की तरफ से टेस्ट,वनडे 20-20 के मैच में खेलना देखना चाहते थे। ऐस में अचानक आईपीएल से संयास की बात सुनकर हैरान थे। आईपीएल के 16 वें सीजन की शुरुआत भी बीते साल के चैंपियन गुजरात और चेन्नई सुपर किंग से हुई और अंत भी इन्हीं दोनों के बीच हुआ। पहले ही मैच में माही चोटिल हो गए। फिर भी घुटने में लगी चोट के बाद में खेले। अपने फैंस का मन रखने के लिए पूरे टूर्नामेंट में पैर की दिक्कत के बावजूद खेलते रहे। कभी चौक का छक्का भी लगाये, कभी अपने फैंस के आशा पानी फेर कर चले गये।
चेन्नई सुपर किंग चोटिल खिलाड़ियों लंबी फेरहिस्त होने के बावजूद टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई। कई बार टीम काफी कमजोर दिखने के बावजूद पूरी टीम के एफर्ट मजबूत से मजबूत टीम को हराया। करोड़ रुपए के बेन स्टोक्स पवेलियन में बैठे रहे और लाख रुपए वाले खिलाड़ी मैच में करिश्मा करते रहे। खासकर अजिंक्य रहाणे और श्रीलंकाई पथीराना और तीक्ष्णा गजब का कमाल किया। चेन्नई की ओपनिंग जोड़ी गायकवाड और काॅनवे का बल्ला जमकर गरजा। उरी शिवम दुबे ने कमाल की पारी खेली। पूरे टूर्नामेंट में 35 छक्के लगाए। डुप्लेसी से सिर्फ एक छक्के से पीछे रह गए। रवींद्र जडेजा धोनी के फैंस की दीवानगी से कई मैचों में परेशान रहे। धोनी के पहले जब भी मैदान पर उतरते फैंस धोनी-धोनी का डिमांड करते। जब भी थोड़ा स्लो या अपने पैर जमाने की कोशिश करते। वह उनके आउट होने की मनाने लगते। फिर भी पूरे टूर्नामेंट में रवींद्र जडेजा ने अच्छी गेंदबाजी की और उपयोगिता के अनुसार रन भी बनाए। चोटिल दीपक चाहर के मैच में वापसी के बाद चेन्नई की टीम का मनोबल काफी बढ़ा। टीम का मनोबल ही रहा कि चेन्नई आखिरकार सेमीफाइनल में पहुंच गई और पूरे टूर्नामेंट अव्वल रही गुजरात टाइटंस को हराया। यह मुकाबला चेन्नई के होम ग्राउंड पर था। चेन्नई जीती लेकिन फाइनल मुकाबला गुजरात के होम ग्राउंड पर था। लिहाजा चेन्नई के जीत की उम्मीद बहुत कम थी। सिर्फ दुआ और माही के अनुभव का भरोसा था।
धोनी ने इस टूर्नामेंट में हार से शुरुआत की और एक से एक बाधाओं को पार कर ट्रॉफी घर ले आए। रवींद्र जडेजा ने चेन्नई के नाउम्मीद एक बार करिश्माई फिनिसिंग टच देकर निराश और हताश हो चुके करोड़ों फैंस के चेहरे लाली ला दी। अंतिम दो गेंदों पर शानदार प्रहार कर चेहरे की रंग बदल दी। चेन्नई कैंप में आंखों से टपक रहे।आंसू पहले छक्का पर ठहरे और फिर चौके के साथ खुशियों से छलक उठे। मैच के अंतिम गेंद पर माही की नम हो चुकी थी, माही ने भी आंखें बंद कर ली थी। लग रहा था कि जैसे उनकी सारी उम्मीदें लुट गई हो। लेकिन रवींद्र जडेजा के पूरे खेल को ही पलट कर रख दिया। यही कारण था कि माही दौड़े और उसे अपनी गोद में उठा लिया। वह क्षण था,जब उम्मीद 10 फीसदी भी नहीं बची थी। यह चमत्कार जैसा रहा। चेन्नई सुपर किंग्स के फैंस कुछ इस कदर पागल हो चुके थे कि अंतिम गेंद पर चौके के लिए आंखें बंद कर ईश्वर की प्रार्थना में जुटे थे। आंखों से लगातार आंसू टपक रहे थे और दोनों हाथ जुड़े थे। यह दृश्य मैदान से लेकर कई घरों दिखा। यह अजीबोगरीब हालत मेरे घर का भी था।
ऐसा मैंने अपने जीवन में इससे पहले सिर्फ एक बार देखा था,जब 2011 वर्ल्ड कप क्रिकेट में धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम के जीत के लिए दिखी थी। आईपीएल 2023 के फाइनल मैच में सस्पेंस,ड्रामा और रोमांच सब कुछ देखने को मिला। आईपीएल के 16 सालों के इतिहास में यह पहला मौका था, जब तीन दिन पतला होने में लग गए। मैच खत्म हुआ तो तारीख बदल चुकी थी। 30 जून 1.35 मिनट हो चुके थे। पहली बार ऐसा हुआ की आईपीएल का फाइनल पहले दिन पूरा वर्षा में ही धूल गया। दूसरे दिन भी जब पहली पारी समाप्त हुई और दूसरी टीम ने खेलना शुरू किया तो झमाझम बारिश शुरू हो गई। फिर इंतजार और इसके बाद आधी रात मैच हुआ। पहले दिन मैच का आनंद लेने आए हजारों- हजार दर्शक गुजरात के अहमदाबाद स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में घंटों भीगते रहे। मैच के शुरू होने का आधी रात तक इंतजार किया। लेकिन निराश लौटना पड़ा। यही नहीं मैच देखने आए बड़ी संख्या में तो क्रिकेट फैंस स्टेशन से लेकर सड़क पर ही रात गुजार दी। होटल तक नसीब नहीं हुआ। फिर भी नहीं लौटे। इसमें बड़ी तादाद चेन्नई के फैंस की थी। जो हार नहीं माने। दूसरे दिन भी स्टेडियम में आकर डटे। दूसरे दिन भी बारिश में भींगे। फिर भी स्टेडियम में डटे रहे।
दूसरे दिन टॉस साथ मैच अपने निर्धारित समय से शुरू हुआ। माही ने टॉस जीता और चेन्नई के फील्डिंग का फैसला लिया। इस फैसले से पहले तो चेन्नई के फैंस को धक्का लगा। फिर सोचा माही ने ऐसा किया है, कुछ सोच कर ही किया होगा। इतना लंबा अनुभव है उनके साथ। लेकिन गुजरात की धरती पर गुजरात टाइटंस को हराना आमतौर पर कल्पना से बाहर था। खासकर अंत में चेजकर जीत को हासिल करना। यह तो उम्मीद से बिल्कुल बाहर था। नरेंद्र मोदी स्टेडियम के रिकॉर्ड भी इसकी गवाही नहीं दे रहा था। चेन्नई की टीम के लिए अहमदाबाद में पहला फाइनल था। गुजरात टाइटंस पहले खेलते हुए 3 विकेट खोकर 214 रन बनाए। सुपर ओवर में ओपनिंग जोड़ी शुभमन गिल और रिद्धिमान साहा जमकर गरजा। चेन्नई की टीम को पहली सफलता 67 रनों के योगदान के बाद मिली। रवींद्र जडेजा की गेंद पर एम एस धोनी ने शानदार स्टंपिंग की। धोनी ने महज 0.12 सेकंड में गिल्ली बिखेर कर गिल को आउट किया। साथ ही मैच में वापसी करने की कोशिश की।
इसके बाद फिर से चेन्नई की गेंदबाज गुजरात टाइटंस के ओपनर साहा और साईं सुदर्शन के सामने बेदम दिखे। इसके बाद दीपक चाहर ने अपने दूसरे स्पेल में चौथे ओवर फेंकते हुए 54 के स्कोर पर रिद्धिमान साहा को धोनी के हाथों कैच कराया। धोनी का स्टंप और कैच दोनों लाजवाब रहा। तब गुजरात का स्कोर 131 था। इसके बाद अंतिम ओवर में ही पथीराना को सफलता मिली। साईं सुदर्शन ने 96 रन बनाए। 6 छक्का और 8 चौके जड़े। लाजवाब पाली खेली। फिर आउट हुए। राशिद आए लेकिन अंतिम दो गेंद पर बिना कोई रन बनाए आउट हो गए। गुजरात की गाड़ी 214 रुकी। फाइनल के लिए यह टारगेट कम नहीं था। खासकर अमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इसे चेज कर पाना। फिर भी चेन्नई की पाली शुरु हुई। सिर्फ तीन गेंद के बाद ही फिर शुरू हो गई झमाझम बरसात। घंटो खेल रुका रहा। कई बार मैच अम्पायर ने फील्ड का मुआयना किया। आधी रात के बाद 15 ओवर का मैच निर्धारित किया गया। चेन्नई के सामने जीत के लिए वारिश के बाद 171 का टारगेट था। जो आसान नहीं था।
चेन्नई की भी ओपनिंग जोड़ी डेविड काॅनवे और और रितुराज गायकवाड ने शानदार खेला।दोनों ने 74 बनाकर उम्मीदें जगाई। फिर ऋतुराज गायकवाड 27 के स्कोर पर आउट हो गए। फिर डेविड काॅनवे 47 के स्कोर पर कुछ ही देर के बाद आउट हो गए। फिर चेन्नई के कैंप में सन्नाटा पसरना शुरू हुआ। इसके बाद शिवम दुबे आए। फिर अजिंक्य रहाणे आए। लेकिन दूबे का बल्ला नहीं चल पा रहा था। चेन्नई के कैंप में निराशा बढ़ती जा रही थी। फिर रहाणे आते ही छक्का लगाया। तेजी से रन बनाएं। फिर आउट हो गए। इसी बीच शिवम दुबे ने 2 छक्के लगाए। फिर अपने संन्यास की घोषणा कर चुके अंबाती रायडू मात्र 8 गेंदों में 19 रन बनाकर मैच का रुख पलटा। दो शानदार छक्का और एक चौका लगाया, लेकिन रायडू के आउट होने के बाद महेंद्र सिंह धोनी पहले ही गेंद पर बिना पता खोले लौट गए। मोहित शर्मा ने पहले रहाणे को, फिर अपने अगले ओवर में पहले रायडू फिर भी धोनी को लगातार 2 गेंदों में आउट किया। अपनी शानदार गेंदबाजी से चेन्नई के कैंप में हड़कंप मचा दी। इससे पहले नूर अहमद ने 2 विकेट लेकर चेन्नई का विश्वास हिलाया। ऋमोहित शर्मा ने लगातार तीन विकेट लेकर चेन्नई के उम्मीदों पर पानी फेर दिया, लेकिन रवींद्र जडेजा ने मैच के अंतिम दो गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर गुजरात के जबड़े से छिन लिया। शिवम दुबे ने नाॅटआउट 32 रन बनाए। वही जडेजा ने नाॅटआउट 19 रन बनाए। चेन्नई के लिए तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक चुनौती अंततः जीत में बदल गई। यह चेन्नई के फैंस का ही कमाल था कि उनकी दुआएं और पूजा ने यह चमत्कार कर दिया। साथ ही पूरी टीम की मेहनत रही। टीम के लिए एफर्ट फट रहा और अंत में टीम जिस तरह से जी जान लगा दिया। उसके कारण ही यह जीत संभव हो सकी। अंत में यही कहूंगा- ओ माही रे…. तेरे बिन दिल ना लगना। शायद यही कारण है कि माही को भी शानदार उपहार के बावजूद आईपीएल के संन्यास के बारे में फिर से विचार करने के लिए विवश होना पड़ा है।
– प्रभात कुमार