मिरर मीडिया : राज्य में बढ़ते अपराध, अवैध खनन, कारोबार और भंडारण सहित उग्रवाद, मादक पदार्थो की तस्करी पर नियंत्रण सहित विधि व्यवस्था को सही ढंग से बनाए रखने हेतु गुरुवार को वरीय पुलिस पदाधिकारियों एवं जिले के उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक व समीक्षा की।

इस बाबत उन्होंने पदाधिकारियों को कई अहम् निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बेहतर पुलिसिंग का यह नतीजा है कि पूर्व में देश का सबसे ज्यादा उग्रवाद प्रभावित राज्य माना जाने वाला आज उग्रवाद का सफाया हो चूका है।
CM ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने की जरुरत है। सभी असामाजिक तत्वों का डाटा बेस तैयार किया जाना चाहिए जिससे तनाव की स्थिति बनने पर इसे नियंत्रित करने हेतु इनपर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने राज्य के सभी जिले में उपायुक्त व SP के बीच समन्वय से ही कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जो भी संसाधनों और जरूरतें होगी उसे सरकार पूरा करेंगी।
इस बाबत मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है
राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए जो भी संसाधनों की जरूरते होगी, उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। वर्तमान चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी रणनीति बनाने की जरूरत है।
राज्य में कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने को लेकर आज प्रोजेक्ट भवन में पुलिस विभाग के वरीय पदाधिकारियों, जिलों के उपायुक्त और पुलिस पदाधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए।
CM ने आगे कहा कि जिलों के DC और पुलिस अधीक्षक के साथ मुख्यालय से भी लगातार समन्वय बना रहें। इसी सिलसिले में नियमित अंतराल पर बैठक होती रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में आपके द्वारा जो भी सुझाव दिए है उसपर सरकार विचार करेंगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास का जितना मजबूत होगा उस क्षेत्र की विधि व्यवस्था संधारण में उतनी ही सहूलियत होगी। अगर कोई कानून कानून अपने हाथों में ले ले तो उसे खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो तो की विधि व्यवस्था बनाए रखना सरकार की विशेष प्राथमिकता है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विभिन्न आपराधिक कांडो – हत्या, लूट चिंता की चोरी साइबर अपराध महिला हिंसा और उत्पीड़न से जुड़े मामले अपहरण, पोक्सो एक्ट, दुष्कर्म और मानव तस्करी जैसे मामलों में दर्ज कांडों की विस्तार से समीक्षा करते हुए पुलिस पदाधिकारियों को इसका विस्तार से एनालिसिस करने को कहा। इससे अपराध के पीछे की मुख्य
वजह सामने आएगी। इसका निपटारा न्याय पूर्ण तरीके से हो सकेगा।
उन्होंने झारखंड में दर्ज विभिन्न कांड़ों में सजा की दर काफ़ी कम होने पर भी चिंता जताई है। वहीं मुख्यमंत्री ने राज्यों में दर्ज विभिन्न कांडो की संख्या लंबित कांडो और वारंट, उसके अनुसन्धान एवं सुपरविज़न से जुड़ी जानकारी पुलिस पदाधिकारी से ली।
उन्होंने लंबित कांडो की संख्या में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। अपराधों के अनुसन्धान के लिए पदाधिकारी के साथ सहायक अनुसन्धान पदाधिकारी भी बनाने के निर्देश दिए। वही विभिन्न कांड़ों में अनुसन्धान की क़्वालिटी को बेहतर बनाने के भी पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिए है जिससे सजा की दर बढ़ सके। उन्होंने कहा कि धनबाद, पाकुड़, साहिबगंज, देवघर जैसे जिलों में सजा की दर काफ़ी कम है। जहाँ के लिए पुलिस मुख्यालय से भी पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएं।
राज्य में अवैध खनन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार काफ़ी गंभीर है। विशेषकर कोयला, बालू, लौह अयस्क और पत्थर के अवैध खनन और उसके ट्रांसपोर्टिंग रोकने के लिए सभी जरुरी कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जिला टास्क फ़ोर्स को और भी प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। जबकि खनन सचिव द्वारा अवैध खनन रोकने की दिशा में की जा रही कार्रवाई से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
पुलिस प्रशासन और आम लोगों के बीच कम्युनिकेशन गैप होने से बढ़ती है समस्याएं – CM
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन और आम लोगों के बीच कम्युनिकेशन गैप होने से
समस्याएं बढ़ती है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सांसद और विधायक प्रतिनिधि व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर पुलिस सोशल एक्टिविटीज को मिशन मोड़ में आर्गेनाइज करें। इससे लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में काफ़ी मदद मिलेगी।
बैठक में ये रहें उपस्थित
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव – सह गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे सहित एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारी एवं जिलों के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
ये निर्देश दिए गए….
👉🏻 नाईट पेट्रोलिंग और चेकिंग अभियान को बढ़ाने और नियमित रूप से करने के निर्देश
👉🏻सोशल पुलिसिंग को मजबूत और बेहतर बनाने के साथ ज्यादा इस्तेमाल के निर्देश
👉🏻सभी जिले अपनी पूरी पुलिस सेटअप को रिव्यु कर सरकार को प्रपोजल भेजे ताकि बेहतर पुलिसिंग के लिए जरुरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
👉🏻ये सुनिश्चित करें कि 4 से 5 वर्ष पुराने एक भी केस लंबित नहीं रहें
👉🏻लंबित वारेंट्स, कुर्की जब्ती और सीसीए से जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए विशेष ड्राइव चलाने के निर्देश
👉🏻संगठित आपराधिक गिरोह के सक्रिय अपराधियों की गिरफ़्तारी के लिए विशेष स्ट्रेटजी बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश
👉🏻जेलों में योजनाबद्ध तरीके से नियमित रूप से निरिक्षण और औचक छापेमारी करने के निर्देश
👉🏻दूसरे राज्यों से अवैध शराब एयर अन्य नशीले पदार्थो की तस्करी को रोकने हेतु बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरतने और छापेमारी के निर्देश
👉🏻साइबर अपराध व आस्तिक से जुड़े मामलों को प्राथमिकता करते हुए इन्वेस्टीगेशन में तेजी लाए
👉🏻सभी पुलिस अधीक्षकों को अपने जिलों के अंतर्गत स्थित थानों का नियमित निरिक्षण करने का निर्देश
👉🏻स्कूलों के आसपास की दुकानों में ड्रग्स की अवैध बिक्री होने से बच्चे इसकी चपेट में आ रहें है जिसे नियंत्रित करने के लिए विशेष प्लानिंग बनाकर इस ड्रग्स कारोबार करने वाले गिरोह के
ख़िलाफ कार्रवाई के निर्देश
👉🏻महिला सुरक्षा को लेकर महिला कॉलेज और विद्यालय के आसपास CCTV कैमरा लगाने के निर्देश के साथ सिविल ड्रेस में पुलिस बल की तैनाती और नियमित पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने के निर्देश