चिकित्सा के लिए हाइड्रोलिक एंबुलेंस खरीदने पर सरकार कर रही है विचार
मिरर मीडिया : झारखंड में अब अनुदान मिलना बहुत मुश्किल होने जा रहा है। हालांकि ये फिलहाल राज्यभर के गौशालाओं के लिए है। राज्य में गौ सेवा आयोग ने गौशालाओं को मिलने वाली अनुदान के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है। यानी बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र के अनुदान की राशि अब आवंटन नहीं होगी।
इस बाबत गौ सेवा आयोग कि माने तो गौशाला गौ वंश के संरक्षण और संवर्धन देने की जगह है
इसे सिर्फ अनुदान लेने वाली संस्था नहीं समझा जाना चाहिए। वहीं आयोग ने देश के 6 राज्यों से गौशाला के विकास को लेकर चलने वाली योजनाओं की जानकारी मंगवाई है। आगामी 7 जुलाई को बैठक भी बुलाई गई है।
जानकारी के अनुसार झारखंड में 23 गौशाला राज्य सरकार के द्वारा निबंधित है जबकि इसको लेकर राज्य सरकार ने 10 करोड़ के बजट का प्रावधान भी किया है। गौशालाओं को मिलने वाली अनुदान राशि का लेखा जोखा नहीं है। यानी राशि खर्च हो जाने पर कुछ गौशालाओं ने विभाग को उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं भेजा गया है। जबकि कुछ ने इसका पालन किया है।
बता दें कि गौशाला आयोग ने पशुओं की चिकित्सा के लिए हाइड्रोलिक एंबुलेंस खरीदने पर विचार कर रही है। जबकि गौ वंश के अंतिम संस्कार को लेकर राज्य के सभी DC को निर्देश जारी करने की भी योजना है।