
देश: देशभर में शरद पूर्णिमा की तिथि यानि शनिवार को चंद्रग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण 28/29 अक्तूबर की रात्रि 1:05 बजे स्पर्श करेगा तथा मध्य 1:44 बजे तथा मोक्ष 2:24 बजे होगा। चंद्रग्रहण में 9 घंटे पूर्व से सूतककाल शुरू हो जाता है। लिहाजा 28 अक्तूबर को सायं 4:05 बजे से खाना-पीना बंद हो जायेगा। बालक, वृद्ध और रोगी इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
ऐसे में सूतककाल और ग्रहण के समय कई विशेष उपाय करने चाहिए जिससे प्रतिकूलताओं का असर आप पर और आपके परिवार पर न पड़े। आइए जानते है
० ग्रहणकाल में सूतक के पूर्व खाद्य सामानों में कुशा, तुलसीपत्र या तिल डालना चाहिए, जिससे पदार्थों में खगोलीय तरंगीय प्रतिकूलताओं का असर नहीं पड़ता।
० गर्भवती माताएं नाभि में गाय का गोबर या एक नारियल रक्षा बांध के अपनी हथेली में लेकर स्पर्श काल से मोक्षकाल तक बैठे। मोक्ष के बाद रात्रि में या दूसरे दिन नदी में प्रवाहित करें।
० ग्रहणकाल में कैची, चाकू आदि का प्रयोग न करें।
० धर्मग्रंथों के अनुसार, तीर्थ नदियों में स्नान करना चाहिए। खगोलीय प्रभावों का असर बहते हुए जल में लाभप्रद होता है। गंगा स्नान 10 हजार करोड़ गायों के दान के बराबर पुण्यदायी है।ऋषियों ने तन-मन को स्वस्थ और पवित्र करने के इरादों से ही इस प्रकार की व्यवस्था की है।
०पवित्र नदी में संभव नहीं होने पर कुआ, तालाब,आदि में स्नान कर यथाशक्ति दान भी करें|