विश्व मधुमेह दिवस : मधुमेह को हराने कल डायबिटिक वॉक कार्यक्रम के तहत दौड़ेगा धनबाद : पढ़े डॉ एनके सिंह ने डायबिटीज के बारे में बताया विस्तार पूर्वक

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मिरर मीडिया : 14 नवंबर को मनाया जाने वाला विश्व मधुमेह दिवस पर इस बार धनबाद में RSSDI झारखंड के सहयोग से डायबिटिक वॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम सुबह साढ़े सात बजे सिटी सेंटर से शुरू होकर गांधी सेवा सदन तक जाएगी। वहीं सुबह 8 बजे गांधी सेवा सदन में स्वस्थ नाश्ता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। जबकि धनबाद के श्रमिक चौक पर ब्लू कवर, ब्लू पेंट कार्यक्रम दोपहर 2.30 बजे होना तय है।

बता दें कि इंसुलिन की खोज करने वाले  Banting के जन्मदिन के उपलक्ष्य में विश्व मधुमेह दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह एक ग्लोबल कार्यक्रम है जो हर देश में मनाया जाता है।

वहीं मधुमेह और हृदय अनुसंधान केंद्र धनबाद एक्शन ग्रुप (डीएजी) ने विश्व मधुमेह दिवस के मद्देनज़र डॉ एनके सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी आरएसएसडीआई (डायबिटीज के अध्ययन के लिए अनुसंधान सोसायटी) के नेतृत्व में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया जिसमें उन्होंने मधुमेह को लवकर विस्तार पुर्वक निम्नलिखित बातें बताईं।

1 इंसुलिन आइसोडेक एक नया आविष्कार है जिसके 2024 के अंत तक उपलब्ध होने की संभावना है।

इसे हफ्ते में मात्र एक बार दिया जाएगा और यह पाया गया है कि रोज एक बार देने वाले basal इंसुलिन की तुलना में उतना ही इफेक्टिव है और सुरक्षित है। निश्चित रूप से जो मरीज अभी इंसुलिन रोज लेने में आनाकानी करते हैं उनके लिए हफ्ते में इन्सुलिन का एक प्रिक होना, बहुत ही उपयोगी होगा। यानी अगर साल में किसी मरीज को 365 बार सुई देनी पड़ती है तो उसे अब मात्र 52 बार ही देना होगा।

2. आज डायबिटीज के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण दवा एसजीएलटी SGLT2 inhibitor जिसमें Emapagliflozin ,Dapagliflozin and Canagliflozin शामिल है यह डायबिटीज के मरीजों में होने वाले जानलेवा दुष्परिणाम जैसे हार्ट फेल या किडनी फेल होने से बचाता है। वहीं कुछ रिसर्च ने दिखाया है कि इस ग्रुप की दवा देने से मरीजों का जीवन करीब 15 साल तक बढ़ सकता है।

आज अनडिस्प्यूटेड तौर पर यह दवा डायबिटीज के मरीजों को देने की बात हो रही है। इस दवा को देने से कुछ मरीजों के पेशाब में इंफेक्शन या यौन अंगों पर कुछ जेनिटल ट्रैक्ट इनफेक्शन जेनिटल होने का डर बना रहता है लेकिन यह  खतरा बहुत ज्यादा नहीं है।

बता दें कि डॉ एन के सिंह की देखरेख में भारत में एक जीनियस स्टडी की गई है और इसमें करीब 16000 मरीज का डाटा लिया गया है और उसमें यूरिनरी ट्रैक्ट और जेनिटल ट्रैक्ट इनफेक्शन होने के, इंसीडेंस और अन्य दवाइयों जैसे ग्लिप्टिन देने से क्या सुरक्षा मिलती है इस पर अध्ययन किया गया है जिसे शीघ्र प्रकाशित किया जाएगा।

3. अभी हाल में 11 नवंबर को अमेरिकन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एफडीए द्वारा त्रिज्यिपेटाइट  दवा डायबिटीज के मरीजों में अगर मोटापा है तो उसके लिए अप्रूव कर दी गई है यह एक अत्यंत उपयोगी दवा होगी और इसका इंजेक्शन मात्र हफ्ते में एक बार ही देना होगा और इससे करीब पाया गया है की 5 किलो से लेकर 10 किलो तक वजन घट जाता है। डायबिटीज के मरीजों में पेनक्रियाज के beta सेल में और लीवर में चर्बी जमा होती है वह डायबिटीज होने का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है। वजन घटने से उसमें फैट घटेगा और यह दवा इस तरह मरीजों के फ्यूचर के लिए वरदान साबित हो सकती है।

4. अब एक और नई दवा IMEGIMILIN भारत के बाजारों में उपलब्ध है और यह डायबिटीज में होने वाले बीटा सेल के secretion की जो कमी होती है और मांशपेशियों पर जो इन्सुलिन रेजिस्टेंस होता है, यह दोनों स्तरों पर बहुत उपयोगी है। यह नई सुरक्षित दवा भी है।

5. डायबिटीज के इलाज में भी जो सबसे बड़ा बदलाव धीरे-धीरे होता दिख रहा है वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग है।
Chat Gpt के आने के बाद जनसाधारण को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पता है खासकर डायबिटीज में होने वाले डायबीटिक रेटिनोपैथी जो आपके पर्दे में खराबी होती है उसके डिटेक्शन में इसकी अहम भूमिका भारत में पिछले दो-तीन सालों से तेजी से बढ़ी है।
इसी तरह ग्लूकोज के नियंत्रण में कंटीन्यूअस ग्लूकोस मॉनिटरिंग  continuous glucose monitoring में आर्टिफिशियल  इंटेलिजेंस का प्रयोग अत्यंत सुरक्षित और प्रभावकारी है इससे मरीजों को अपना वजन घटाने अपने इंसुलिन के डोज पर नजर रखने  अपने शरीर में होने वाले कॉम्प्लिकेशंस की टोह लेने में मदद मिल रही है
इस तकनीक के सरल और कम दाम होने के कारण या जल सुलभ तक शीघ्र पहुंचेगी।

6.  2023 में सबसे बड़ी बात फिर भी वही है की हर मरीज को पर्याप्त व्यायाम की जरूरत है इसके बिना शुगर का नियंत्रण और शरीर में होने वाले दुष्परिणामों को रोकना संभव नहीं लगता है।
अभी एरोबिक्स 1 घंटे रोज, जो कि आप एक घंटा फास्ट वॉक या दौड़ने से या बैडमिंटन खेलने से  हो जाता है। इसके अलावा जो जिम वाले एक्सरसाइज हैं जैसे रेजिस्टेंस एक्सरसाइज इसे हफ्ते में कम से कम 10 से 15 मिनट तीन बार करना इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ा देता है और इस तरह बहुत शुगर का नियंत्रण बहुत अच्छा होने लगता है।

तो यह सही में रियल अमृत है जिसे करीब अभी भारत में 20 से 30 परसेंट डायबिटिक मरीज ही करते हैं। यह एक बहुत बड़ा गैप है और यह कैसे इंप्रूव करें या एक बड़ी समस्या है। इस फास्ट फूड के कल्चर में एक्सरसाइज हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेंनिंग HIIT डायबिटीज के शुगर नियंत्रण में उपयोगी पाई गई है और यह उन मरीजों के लिए खासकर बहुत फायदेमंद है जिनके पास 10 से 15 मिनट का ठीक टाइम है।

वहीं उन्होंने बताया कि योग पर भी अभी बहुत से रिसर्च चल रहे हैं और खासकर सूर्य नमस्कार का अगर 12 राउंड किया जाए तो है इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ जाता है और इन्सुलिन रजिस्टेंस सुधर जाता है। यह आपके शुगर को बहुत अच्छी तरह नियंत्रित करता है तो इसे आप जरूर करें। एक्सरसाइज बिलियन डॉलर ड्रग है जिसे मरीज नहीं करते हैं। सुबह का एक्सरसाइज करें या शाम का इसमें शाम का एक्सरसाइज भी बहुत फायदेमंद पाया जाता है लेकिन जो भी समय सूट करें आपके रूटिंग से उसे आप कर सकते हैं।

डाइट के बारे में नया अपडेट यही है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग पर काफी रिसर्च हो चले हैं और अगर एक टाइम का खाना आप छोड़ देते हैं (क्रोनो न्यूट्रिशन का कॉन्सेप्ट) तो यह उपयोगी पाया गया है। अगर आप अपना खाना शाम में 6:00 बजे के बाद ना खाएं, उसके पहले ही जो खाना है खा ले तो नेचुरल में शरीर में होने वाले जो चेंज हैं, जो ब्रेन से केमिकल स्रावित होते हैं उससे इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम हो जाता है और इस तरह शुगर का नियंत्रण में भी यह बहुत उपयोगी पाया गया है।
तो क्रोनो न्यूट्रिशन, प्रोटेक्टिव फूड्स और तले हुए चीजों का कम से कम प्रयोग ताजी सब्जियों फलों का उपयोग बादाम आदि का प्रयोग काफी उपयोगी पाया गया है।

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