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बिहार में बुलेट ट्रेन को लेकर एरियल सर्वे के बाद अब सर्वेक्षण का काम शुरू,रूट को लेकर बनी भ्रम की स्थिति हुई समाप्त

बिहार: भोजपुर, पटना और गया के रास्ते दिल्ली से हावड़ा तक बुलेट ट्रेन का सपना भविष्य में पूरा होने वाला है। इसे लेकर एरियल सर्वे के बाद अब धरातल पर सामाजिक सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है। रूट को लेकर बनी भ्रम की स्थिति समाप्त हो चुकी है।

मालूम हो कि नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) बिहार में जो रूट जारी किया है, उसके मुताबिक बक्सर के बाद आरा के उदवंतनगर, पटना और गया में स्टेशन बनने हैं। बुलेट ट्रेन रूट का एरियल सर्वे हो चुका है और अब सर्वे एजेंसी पिछले दो दिनों से इसके रास्ते में पड़ने वाले भोजपुर के विद्यमान ढांचा सर्वे का काम कर रही है।

इसके तहत सर्वे कंपनी आइडियल इंप्रेशन मार्केट रिसर्च उदवंतनगर में गांव के लोगों से मिलकर उन्हें परियोजना के बारे में बता रही है और उनकी रजामंदी हासिल कर रही है। बताया जा रहा है कि वाराणसी- हावड़ा बुलेट ट्रेन कारीडोर दिल्ली-हावड़ा परियोजना का हिस्सा है।

वहीं इसके अलावा दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ-अयोध्या कारीडोर पर भी सर्वे का काम चल रहा है। इस परियोजना के पूरा होने पर भोजपुर से हावड़ा की दूरी तीन घंटे में तय की जा सकेगी। वहीं, वाराणसी से हावड़ा की दूरी साढ़े तीन घंटे की रह जाएगी।

जानकारी साझा करते हुए आईआईएमआर कंपनी के सुपरवाइजर रमेश कुमार यादव ने बताया कि सोशियो और स्ट्रक्चरल सर्वे के बाद मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू होगी। उसके बाद जमीन के अधिग्रहण कार्य किया जाएगा । जमीन का अधिग्रहण कार्य वर्ष 2025 तक शुरू होने की संभावना है।

अभी स्ट्रक्चरल और सोशियो सर्वे की जा रही है। साथ ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के प्लाट का वेरिफिकेशन करते हुए रैयतों की रजामंदी ली जा रही है।

रैयतों से भूमि की कागजात तैयार करने को कहा जा रहा है जिससे मुआवजा की राशि मिलने में परेशानी न हो। चिह्नित प्लाट में घर, बोरिंग अथवा किसी तरह का कंस्ट्रक्शन, पेड़ आदि का मुआवजा अलग से देने का प्रावधान है।

बता दें कि हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।कम समय में अधिक दूरी तय करने के उद्देश्य से जापानी तकनीक पर आधारित रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाना है।

एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के लिए भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। हाई स्पीड रेल नेटवर्क तैयार होने पर आवागमन के साथ ही व्यापार आसान होगा।

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