झारखंड :जमीन घोटाला मामले में पूछताछ को लेकर ईडी की टीम सोमवार से ही सीएम हेमंत सोरेन की तलाश कर रही है।
वहीं , इस घटना को लेकर दिल्ली से लेकर रांची तक हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को हेमंत की गिरफ्तारी और उसके बाद के सत्ता के समीकरणों को लेकर दिनभर अटकलें लगाई जाती रहीं।
इधर,तेजी से बदलते घटनाक्रमों और बढ़ते दबाव के बीच सोमवार को ही सीएम की ओर ईडी को मेल भेजकर यह सूचना दी गई कि हेमंत सोरेन 31 जनवरी को पूछताछ के लिए रांची में उपलब्ध रहेंगे। ईडी उनसे सीएम आवास आकर पूछताछ कर सकती है। हेमंत पर शिकंजा कसता देख झारखंड में सियासी माहौल भी गर्म हो गया है। राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।
इसी बीच मंगलवार को रांची में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक है। विधायक दोपहर तक रांची पहुंच जाएंगे। सभी को अपने साथ जरूरी सामान साथ लाने के लिए कहा गया है। पूरी तैयारी के साथ आने का निर्देश है।
स्थिति को देखते हुए रांची में सीएम आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है। झारखंड का प्रशासनिक महकमा अलर्ट मोड में है।इधर , रांची एसएसपी ने सभी थानेदारों को तलब किया है।
वहीं, झामुमो नेता मनोज पांडे इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एक निर्वाचित सरकार एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है, क्या आदिवासी होना पाप है? हेमंत सोरेन ईडी को बता चुके हैं कि वह 31 जनवरी को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेंगे, ईडी ने खुद 31 जनवरी की समय सीमा दी थी, तो 29 जनवरी को जांच क्यों की गई, इतनी बेचैनी क्यों? वह एक चहेते मुख्यमंत्री हैं, भगोड़े नहीं…यह झारखंड की जनता और आदिवासियों का अपमान है।