DHANBAD : ICSE BOARD की एक विद्यालय की किताबों में रियायत दूसरे में नहीं मिलने से अभिभावकों में आक्रोश : एक ही दुकान से लेने को मजबूर

KK Sagar
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प्रतीकात्मक फोटो

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  • कार्मल की किताबों पर रियायत देने में दुकानदार असमर्थ
  • मोटी कमीशन के खेल से अभिभावकों में आक्रोश
  • ICSE BOARD के एक विद्यालय के किताबों पर रियायत दूसरे पर नहीं

DHANBAD : निजी विद्यालय द्वारा किताबों की मनमानी तरीके से बिक्री को लेकर अभिभावकगण परेशान हैं। तय दुकान पर ही विद्यालय की किताबें मिलना व्यापार, कमीशन और इससे मोटी रकम की उगाही को साफ दर्शाता है। निजी विद्यालय, पब्लिशर और दुकानदार के बीच व्यापार का यह समन्वय का गड़बड़झाला अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है।

मोटी कमीशन के खेल से अभिभावकों में आक्रोश

बता दें कि इसमें मोटी कमीशन का लुत्फ़ तो निजी विद्यालय उठा रहें है पर इस गठजोड़ का शिकार अभिभावक हो रहे हैं। जानकारी दे दे कि धनबाद में प्रभातम मॉल के अपोजिट तरफ ए के बुक सेंटर में आईसीएसई बोर्ड ICSE BOARD से संचालित स्कूल कार्मल और डीनोबलि की किताबें मिलती है, लेकिन रियायत एक रुपया भी नहीं दी जा रही है। जिससे एक तो वही दुकान से किताबें खरीदने को मजबूर है दूसरा रियायत भी नहीं दे रही है। आलम ये है कि शहर से 3 किलोमीटर दूर किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों को मजबूरी में जाना पड़ता है। इस बाबत अभिभावकों में इसके लिए आक्रोश साफ देखा जा सकता है।

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कार्मल की किताबों पर रियायत देने में दुकानदार असमर्थ

विदित हो कि इससे पूर्व सिटी सेंटर स्थित मधुरी पैलेस ज्ञान सागर में कार्मल की किताबें मिलती थी वही जब इस मामले पर दुकानदार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डीनोबली स्कूल की किताबों पर रियायत है लेकिन कार्मल की किताबों पर रियायत देने में वो असमर्थ है हालांकि इसके पीछे का क्या कारण है इस पर वह कुछ भी नहीं बोल पाए।

ICSE BOARD के एक विद्यालय के किताबों पर रियायत दूसरे पर नहीं

बहरहाल अब एक ही बुक स्टोर पर एक स्कूल के लिए जब दुकान संचालक 10% रियायत देने को तैयार है तो फिर दूसरे स्कूल के लिए रियायत नहीं देना, समझ से परे हैं जबकि दोनों स्कूलों में आईसीएसई बोर्ड ICSE BOARD की पढ़ाई होती हैं। हालांकि लगातार इन मुद्दों से जिला प्रशासन को अवगत कराया जाता रहा है बावजूद किसी प्रकार की पहल नहीं होना और निजी विद्यालय पर अंकुश नहीं लगाया जाना कई तरह के सवाल खड़े करता है।

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