मिरर मीडिया : सिंघु बॉर्डर पर हुए दलित मजदूर लखबीर सिंह की हत्या के मामले में दूसरे आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि इसके बाद 2 अन्य आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस बीच, पंजाब के तरन तारन जिले के गांव में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजनों की मौजूदगी में मृतक लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वहीं लखबीर के अंतिम संस्कार के दौरान कोई ग्रंथी वहां अरदास के लिए मौजूद नहीं था, और न ही उसके गांव चीमा कलां से कोई अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। इस बर्बर हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप में शुक्रवार को सरबजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं, सरबजीत को सोनीपत जिले की एक कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। सूत्रों कि माने तो इस जघन्य हत्या में कुछ और लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
ज्ञात रहे कि किसान पिछले साल नवंबर से केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि इस निर्मम घटना के बाद भी किसान नेताओं ने कहा कि इस घटना का उनके आंदोलन पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन स्थलों पर CCTV कैमरे लगवा कर और अधिक स्वयंसेवकों की तैनाती कर सुरक्षा को और पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।
गौरतलब है कि पंजाब के तरन तारन जिले के रहने वाले मजदूर लखबीर सिंह का शव शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर बैरीकेड से बंधा मिला था। उसका एक हाथ कटा हुआ था और उसके शरीर पर तेज धारदार हथियार से हमले के कई निशान मौजूद थे। वहीं, वारदात के कुछ घंटो बाद निहंगों की तरह नीले कपड़े पहने सरबजीत सिंह ने दावा किया कि उसने लखबीर को सिखों की पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने की सजा दी है।