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Dhanbad -लाखों की दवाइयां रखे-रखे हो गई एक्सपायर : जिम्मेवारों को पता नहीं, स्वास्थ्य कर्मियों पर मढ़ा दोष

Dhanbad में स्वास्थ्य विभाग की चरमराई व्यवस्था से आमजन को लगातार परेशानीया झेलनी पड़ रही है बावजूद स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार नहीं हो पा रहा है।  एक तरफ Dhanbad जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की किल्लत है तो वहीं दूसरी तरफ प्रखंड स्तर पर चल रहे उप स्वास्थ्य केंद्र में लाखों की दवाइयां रखी-रखी एक्सपायर हो जा रही है लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

Dhanbad के बलियापुर प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र में कई सारी दवाईयां रखें रखें हो गई एक्सपायरी

Dhanbad के बलियापुर प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र में रखी दवाएं एक्सपायर
Dhanbad के बलियापुर प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र में रखी दवाएं एक्सपायर

मामला Dhanbad के बलियापुर प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ कैल्शियम, गर्भ निरोधक गोली, छाया टैबलेट सहित कई दवाएं रखें रखें एक्सपायर हो गई। ना तो इसकी सुध मेडिकल ऑफिसर को है और ना ही वहां पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को।

CHO और एएनएम को बताया पूर्णतः दोषी

वहीं इस मामले पर जब बलियापुर प्रभारी डॉक्टर राहुल कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है इसके लिए पूर्णतः दोषी CHO और एएनएम है। अभी वह रांची में है आने के बाद जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे। हालांकि CHO की यहाँ कुछ ही महीने पहले जनवरी में ही पोस्टिंग हुई है ऐसे में दवाएं तो पहले ही एक्सपायर हो चुकी थी। जबकि बलियापुर प्रभारी यहाँ वर्षो से पदस्थापित है। बीच बीच में वे गणेश परिक्रमा जरूर किये पर वापस बलियापुर ही आ गए।

सालपत्रा उप स्वास्थ्य केंद्र में अनियमितता की अक्सर मिलती है शिकायत

उन्होंने कहा कि अक्सर सालपत्रा उप स्वास्थ्य केंद्र की शिकायत मिलती रहती है कि केंद्र अक्सर बंद रहता है। कई तरह की बातों का भी उन्होंने जिक्र किया और कहा कि कई तरह की अनियमिताएं हो रही है जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Dhanbad सिविल सर्जन ने कुछ भी बोलने से किया इनकार

वही जब इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापन से वार्ता की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अब इसकी जिम्मेवारी किसकी थी ये तो जांच का विषय है पर इन सब लापरवाही के बीच लाखों रूपये की दवाई जरूर बेकार हो गई।

अब सवाल यह उठता है कि इतनी दवा कैसे एक्सपायर हो गई और जवाबदेह जांच करने की जगह दोषारोपण और अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं।

कुछ महीने पूर्व ही एक्सपायर हुई सभी दवाएं

हालांकि जो दवा है एक्सपायर हुई है उसमें अधिकांश 2023 और 2022 में एक्सपायर हुई है। जिसमें से एक छाया गर्भनिरोधक गोली की उत्पादन की तिथि 01-2021 थी जबकि 06-2023 में समाप्ति की तिथि थी। यानी की चार और आठ महीना पूर्व दवाएं एक्सपायर हुई है ऐसे में इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं होना कई सवाल खड़े करते हैं।

सवाल तो ये भी उठना लाज़मी है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में सारी दवाइयां एक उप स्वास्थ्य केंद्र में कहां से आई, उनकी आपूर्ति कब हुई थी और जब ये दवाएं उपलब्ध थी तो मरीजों के बीच क्यों नहीं वितरित किया गया। बहरहाल यह सारे सवाल अभी अनसुलझे हैं।

KK Sagar
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