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Jharkhand में लोकसभा चुनाव के मध्य भाजपा पार्टी अपने लोगों के अंतर्कलह से जूझ रही है। बता दें कि jharkhand में बीजेपी पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा ऐसा इसलिए कि आदित्य साहू ने अपनी ही पार्टी के नेताओं की मौजूदा रवैये को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
आदित्य साहू ने सांसद, विधायक व मंडल अध्यक्षो से मांगा था स्पस्टीकरण
बता दें कि एकतरफ सांसद आदित्य साहू द्वारा बकायदे सांसद जयंत सिन्हा, धनबाद विधायक राज सिन्हा सहित पांच मंडल अध्यक्षो से पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जा है वहीं इस कार्रवाई में अब भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह की एंट्री हो गई है।
ज्योतिरीश्वर सिंह ने विधायक व पार्टी नेताओं पर की जा रही कार्रवाई पर खड़े किये सवाल
ज्योतिरीश्वर सिंह ने दल के विधायक व पार्टी नेताओं पर की जा रही कार्रवाई की मंशा पर सवाल खड़ा किया है। मामले में पार्टी के महामंत्री आदित्य साहू को घेरतें हुए पूछा है कि आमतौर पर ऐसी कार्रवाई चुनाव बाद होती है। जारी चुनाव के दौरान कार्रवाई हो रही है। जबकि इसकी जानकारी भी अखबार के माध्यम सर्वाजनिक की जा रही है। ऐसा करके कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के मिशन 400 पार में झारखंड की भागीदारी को तो कम करने का प्रयास तो नही किया जा रहा है?
प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह ने झारखंड प्रभारी को पत्र लिख बताया साजिश : कहा मोदीजी के मिशन को खतरा
वहीं प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह ने इस संदर्भ में पार्टी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पत्र भी लिखकर इसे साजिश करार दिया है। पत्र में कहा गया है ऐसा करके मोदीजी के मिशन के साथ साथ झारखंड में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व को असफल करार देने की साजिश की पटकथा लिखी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं है तो क्या कारण है जो वक्त सबको पाट कर एक साथ ले चलने का है तो वैसे समय में दल के नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गयी कार्रवाई के मामले को सर्वाजनिक किया जा रहा।
दल के अंदर कुछ ऐसे लोग जो नहीं चाहते कि कोई पार्टी संगठन के लिए सक्रिय हो कर कार्य करे
ज्योतिरीश्वर सिंह ने कहा कि क्यों नहीं इस मामले में आदित्य साहू से पूछा जाये कि आखिर इन सबके पीछे उनकी मंशा क्या है ? उन्होंने दल के अंदर कुछ लोगों की पहचान करने को कहा है जो नहीं चाहते कि कोई पार्टी संगठन के लिए सक्रिय हो कर कार्य करे। जो लोग सक्रियता के साथ काम करते हैं, वैसै नेताओं को अकारण हाशिये पर डाल दिया जाता है। ऐसा वह अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कह रहे हैं। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव जैसा बड़ा चुनाव बीतने जा रहा है, लेकिन उन जैसे कार्यकर्ता को कहीं चुनाव कार्य में लगाया जाना दूर, एक बूथ तक की जिम्मेदारी नहीं दी गयी। आखिर इसे क्या समझा जाये?
हालांकि ज्योतिरीश्वर सिंह द्वारा लिखें गए पत्र से स्पष्ट प्रतीत होता है कि झारखंड में BJP के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बहरहाल जो भी हो अब देखना यह होगा कि इस पत्र के प्रतिउत्तर में किस तरह की प्रतिक्रिया सामने आती है। और पार्टी के अंदर की तथाकथित मतभेद चुनाव के पहले ठीक होता है या नहीं या कहीं ऐसा कश्मकश आने वाले चुनाव में पार्टी को नुकसान ना करवा दे।
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