केदारनाथ धाम में पीएम ने आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का किया अनावरण : 400 करोड़ रुपये से अधिक के पुनर्निमाण कार्यों का किया लोकार्पण

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केदारनाथ में पीएम ने भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया

12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में किया गया सीधा प्रसारण

मिरर मीडिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम में 400 करोड़ रुपये से अधिक के ​पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। वहीं केदारनाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण भी किया। उनके तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे मोदी का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।

केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया। इस बाबत पीएम ने कहा है कि गोवर्धन पूजा के दिन बाबा केदारनाथ का दर्शन करना सौभाग्य की बात है। इस दौरान आदि शंकराचार्य की मूर्ति के सामने बैठकर ध्यान करते समय लगा कि उनकी मूर्ति से प्रवाहित हो रहे तेजपुंज से पूरे भारत का विश्वास मजबूत हो रहा है। शंकराचार्य जी की समाधि एक बार फिर भव्य रूप से हमारे बीच मौजूद है। यहां मंदाकिनी नदी पर बने पुल से गरुण चट्टी का मार्ग भी सुगम किया गया है।

गौरतलब है कि एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की। आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के करीब 18 मॉडल तैयार किए गए थे, लेकिन पीएम की सहमति के बाद एक मॉडल का चयन किया गया। करीब 9 कारीगरों ने लगातार मेहनत कर आदि गुरु शंकराचार्य का यह रूप तैयार किया। इस मूर्ति को तैयार करने का काम साल 2020 के सितंबर माह में शुरू हो गया था और इस साल सितंबर में मूर्ति को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से उत्तराखंड लाया गया था। कलाकारों की टीम ने इस प्रतिमा के लिए एक खास शिला चुनी।  खास बात है कि 130 वजनी शिला को तराशने के बाद इसका वजन 35 टन हो गया।

आगे उन्होने कहा कि जब भी केदारनाथ आता हूं, यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं। इसी सिलसिले में यहां तीर्थ पुरोहितों के लिए भी सुविधाएं देने का प्रयास किया है। आदि भूमि की सेवा करने का मुझे सौभाग्य मिला है।  पुरोहितों के भक्तिभाव को मेरा प्रणाम। अब श्रद्धालुओं का तीर्थाटन और सुगम होने के साथ सुखमय होगा। अपने विश्वास को अपनी आंखों से देखना सुखद होता है। वहीं देशवासियों को छठ समेत अन्य सभी पर्वों की शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी ने ‘जय केदार’ का उद्घोष करते हुए अपने संबोधन का समापन किया

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