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UP में लव जिहाद मतलब पूरी उम्र जेल : योगी सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया

अपने कड़े फैसले पर फिर अमलीजामा पहनाते हुए UP उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश कर दिया है अब इसके तहत परिभाषित अपराधों में सजा दोगुनी कर दी गई है। कुछ अन्य अपराधों में आजीवन जेल की सजा का प्रावधान है। प्रस्तावित विधेयक में अपराध का दायरा और सजा दोनों बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

पहले अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार तक था जुर्माना

इसे रोकने के लिए साल 2020 में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश पास किया था। 2021 में इसे विधानमंडल से पास कराकर कानूनी जामा पहनाया गया। इस कानून के तहत तब अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार तक जुर्माना था।

आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी

अवैध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के दायरे में लाया गया है। इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है। अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, या उस पर हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए साजिश करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा।

अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए सजा और जुर्माना बढाने की जरूरत

पीड़ित के इलाज के खर्च के बदले कोर्ट जुर्माना तय कर सकेगी। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की सामाजिक स्थिति, दलित- पिछड़े समुदाय से होने के आधार पर भी अपराध की सजा तय होगी। अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा और जुर्माना बढाने की जरूरत है। इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है।

कोई भी व्यक्ति लिखित तौर पर दे सकेगा सूचना : कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानतीय

कानून में एक और बदलाव किया गया है। इसमें घटना की सूचना देने वालों का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव है। पहले पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन या फिर कोई रिश्तेदार अपराध की सूचना दे सकता था। अब कोई भी व्यक्ति लिखित तौर पर इसकी सूचना पुलिस को दे सकेगा। उस पर जांच की जा सकेगी। कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानतीय बना दिए गए हैं। इसकी सुनवाई सेशन कोर्ट से नीचे नहीं होगी। लोक अभियोजक को अवसर दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।

KK Sagar
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