मिरर मीडिया, संवाददाता : Giridih आज रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक झारखंड के पारसनाथ स्थित श्री सम्मेद शिखर जी, पारसनाथ में संपन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न सांगठनिक, पर्यावरणीय, सामाजिक, तकनीकी, खेल, स्वावलंबन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। देशभर में अभाविप की इकाइयों द्वारा चलाए गए अभियानों की संगठनात्मक समीक्षा और शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न अभियानों की योजना पर चर्चा हुई।
बैठक में कार्यकर्ताओं की क्षमता का विकास करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन, पर्यावरण तथा सेवा की गतिविधियों से विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन, अहिल्याबाई होलकर जी की जन्मत्रिशताब्दी के अवसर पर देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में उनके व्यक्तित्व पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन, और छात्रों की परिसर में उपस्थिति बढ़ाने के लिए ‘परिसर चलो’ अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा की गई।
विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम होंगे भारतीय मूल्य केंद्रित: राजशरण शाही
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रमों की दिशा में विश्वविद्यालयों को शीघ्रता से प्रयास करना होगा। शिक्षा को राष्ट्र की प्रकृति और संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, और इसके पूर्ण क्रियान्वयन के लिए शीघ्र प्रयास आवश्यक हैं। भारतीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार भारत केंद्रित मूल्यों का समावेश अनिवार्य है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि पर्यावरणीय गतिविधियों से युवाओं को जोड़ने के लिए विद्यार्थी परिषद निरंतर प्रयास कर रही है। वर्तमान में यह आवश्यक है कि विभिन्न प्रयासों द्वारा युवाओं और विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय किया जाए। अभाविप की यह केंद्रीय कार्यसमिति बैठक शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न सकारात्मक परिवर्तन पर विचार-विमर्श का माध्यम बनी है।