Jamshedpur :’आत्मा’ शासकीय निकाय व जिला खाद्य सुरक्षा मिशन समिति की बैठक संपन्न, किसानों को प्रशिक्षण देने के निर्देश

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त सह अध्यक्ष, आत्मा अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आत्मा शासकीय निकाय व जिला खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में आत्मा, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना के तहत किये जाने वाले कृषक गतिविधियों के बारे में चर्चा किया गया। जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि इस वर्ष आत्मा, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना के तहत जिला प्रसार कार्य योजना के लिए कुल 232.53180 लाख राशि स्वीकृत है। जिस पर आत्मा शासकीय निकाय द्वारा स्वीकृति दी गई। कार्ययोजना के अनुसार अनुसार कृषक गतिविधियों जैसे 1 ईकाई अन्तर्राजकीय प्रशिक्षण, 1 ईकाई राज्य स्तरीय प्रशिक्षण, 9 ईकाई जिला स्तरीय कृषकों का प्रशिक्षण, 1 ईकाई अन्तर्राजकीय परिभ्रमण, 2 ईकाई राज्य के अंदर परिभ्रमण, 11 ईकाई कृषकों का जिला स्तरीय परिभ्रमण, 40 ईकाई रबी में मशरूम उत्पादन, सभी प्रखण्डों में 1-1 कुल 11 ईकाई कृषक पाठषाला, 1 ईकाई महिला समूहों का क्षमता विकास, 11 ईकाई कृषक गोष्ठी एवं 1 ईकाई जिला स्तरीय कृषि मेला आदि गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।

उपायुक्त सह अध्यक्ष, आत्मा द्वारा आत्मा के प्रशिक्षण-परिभ्रमण कार्यक्रमों में मोटा अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने, बेहतर जल प्रबंधन व दलहन की खेती से संबंधित बेहतरीन तकनीक की जानकारी प्राप्त करने के लिए वैसे संस्थान में किसानों को भेजने व कृषक गोष्ठी, कृषक वैज्ञानिक अन्तमिलन जैसे कार्यक्रमों में विषेश रूप से इन विषयों पर फोकस करने का निदेश दिया गया। उन्होने स्पष्ट कहा कि जो भी एक्टिविटी किया जाए उसका विस्तृत कार्यक्रम विवरणी वरीय पदाधिकारी सह परियोजना निदेषक, आईटीडीए के माध्यम से उपस्थापित किया जाए एवं उनके स्तर से स्वीकृति प्राप्त कर लिया जाए।

आत्मा के गतिविधियों के साथ- साथ आत्मा द्वारा संचालित खाद्य व पोषण सुरक्षा कृषिन्नोत्ति योजना के जिला खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यकारिणी समिति में कार्य योजनाओं को पारित किया गया। उपायुक्त द्वारा उक्त के अन्तर्गत दलहन, धान, तेलहन, मोटे अनाज व न्युट्री सीरियल के प्रत्यक्षण कार्यक्रम, कृषि यंत्र वितरण व उपादान का वितरण आदि कार्यक्रमों में जरूरतमंद किसान का चयन करने व पूर्व से जो लाभान्वित है उन किसानों को छोड़कर वास्ताविक किसान को इसका लाभ देने का निर्देश दिया गया।

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