डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: देश में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आ चुका है। दुबई से लौटे 38 वर्षीय शख्स में यह संक्रमण पाया गया है, जो फिलहाल केरल के मलप्पुरम जिले में इलाज करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि यह व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है। इससे पहले 9 सितंबर को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था, जिसमें एक विदेशी व्यक्ति को 8 सितंबर को संदेह के आधार पर आइसोलेशन में रखा गया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए सभी राज्य स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी की समीक्षा करें और आवश्यक कदम उठाएं। केंद्र ने कहा कि राज्यों को स्वास्थ्य कार्रवाई तेज करनी चाहिए ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
WHO ने घोषित की थी हेल्थ इमरजेंसी
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। यह दूसरी बार है जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। भारत में कोविड-19 का पहला मामला भी केरल में ही सामने आया था, जिससे देश की स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मंकीपॉक्स बनाम कोरोना वायरस
मंकीपॉक्स और कोरोना वायरस दोनों अलग-अलग प्रकार के वायरस हैं। मंकीपॉक्स का वायरस Poxviridae फैमिली के ऑर्थोपॉक्स वायरस से होता है, जबकि कोरोना SARS-COV-2 वायरस के कारण फैलता है। मंकीपॉक्स के लक्षण गंभीर हो सकते हैं, लेकिन यह कोरोना की तरह तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है। कोरोना फेफड़ों पर असर डालता है, जबकि मंकीपॉक्स में शरीर पर चकत्ते और फफोले हो सकते हैं।
लक्षण और इलाज
मंकीपॉक्स के प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, शरीर पर चकत्ते, और त्वचा पर फफोले शामिल हैं। यह बीमारी आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर ठीक हो जाती है, और इसकी मृत्यु दर बहुत कम है। हालांकि, जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उनमें मंकीपॉक्स का खतरा कम होता है।
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
- संक्रमित जानवरों से दूर रहें।
- संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें।
- अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें।
मंकीपॉक्स पर जागरूकता और सतर्कता ही इसे नियंत्रित करने का सबसे बड़ा उपाय है। कोरोना की तरह यह व्यापक रूप से नहीं फैलता, लेकिन सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
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