डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया : बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पांच देशों से अपने राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया। विदेश मंत्रालय ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र में तैनात राजदूतों को तुरंत ढाका लौटने का आदेश दिया है। यह कदम ब्रिटेन में उच्चायुक्त सईदा मुना तस्नीम को हटाने के बाद उठाया गया है।
तुरंत जिम्मेदारियां छोड़ने का आदेश
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इन सभी राजदूतों को तुरंत अपनी जिम्मेदारियां सौंपकर लौटने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि अंतरिम सरकार के इस बड़े राजनयिक फेरबदल के तहत नई दिल्ली, ब्रुसेल्स, कैनबरा, लिस्बन, और न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन के दूतों को वापस बुलाया गया है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की नई सरकार की नीतियों को दर्शाता है।
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बढ़ी हिंसा
गौरतलब है कि इस साल जुलाई में बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का आंदोलन उग्र हो गया था, जिसमें 700 से अधिक लोग मारे गए थे। इसके बाद, 5 अगस्त को बढ़ती हिंसा और सुरक्षा संकट के चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और भारत में शरण ले ली। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के 48 जिलों में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं, जिस पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। तब से भारत और बांग्लादेश के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में दरार
बांग्लादेश और भारत के बीच लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा साझा होती है, लेकिन शेख हसीना के जाने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है। हिंदू विरोधी हिंसा के कारण भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, और तब से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्कों में भी कमी आई है।
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