डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: बहराइच हिंसा में मारे गए 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्र के परिवार से मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मुलाकात कर उनका हाल जाना। पीड़ित परिवार स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह के साथ लखनऊ पहुंचा था। इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने परिवार को सांत्वना दी और उनकी समस्याओं को सुनकर आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया।
पीड़ित परिवार की मांग: दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
राम गोपाल के परिवार ने हिंसा की घटना के बारे में जानकारी देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मृतक की पत्नी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “खून का बदला खून से लिया जाएगा, तभी हमें संतोष मिलेगा।” इस बयान से परिवार की गहरी पीड़ा और न्याय की मांग की स्पष्ट झलक मिलती है।
माहौल तनावपूर्ण, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
महसी के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान पथराव और गोलीबारी में युवक की मौत के बाद से माहौल अब भी तनावपूर्ण बना हुआ है। हालांकि, मंगलवार को कहीं से हिंसा की कोई नई खबर नहीं आई है। पूरे क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, पीएसी, एसटीएफ के कमांडो और पुलिसकर्मी तैनात हैं, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
30 लोगों की गिरफ्तारी, इंटरनेट सेवाएं ठप
बहराइच हिंसा में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन्हें जेल भेज दिया गया है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और उपद्रव के दौरान बनाए गए वीडियो के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा, इंटरनेट सेवाएं भी अभी तक ठप हैं, ताकि स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोका जा सके।
आगजनी और उपद्रव की घटनाएं
हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज बाजार में रविवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए पथराव और गोलीबारी में राम गोपाल मिश्र की मौत के बाद हालात बेकाबू हो गए थे। शहर में स्टीलगंज तालाब के पास बाइक में आग लगा दी गई, वहीं अस्पताल चौराहे पर कई दुकानों को जला दिया गया। काजीकटरा में भी आगजनी का प्रयास किया गया था।
देर रात हरदी थानाध्यक्ष सुरेश कुमार वर्मा और महसी चौकी प्रभारी शिवकुमार सरोज को निलंबित कर दिया गया। सोमवार को एक अन्य दिव्यांग युवक सत्यवान की मौत की अफवाह ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया था।
संपत्ति को नुकसान, ग्रामीणों में दहशत
महराजगंज इलाके में उपद्रवियों ने निजी अस्पताल, बाइक शोरूम, दुकानों, और वाहनों समेत कई स्थानों पर आगजनी की। सधुवापुर गांव में मकान, दुकान, ट्रैक्टर, बाइक, और स्थानीय लोगों की संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया। नौतला गांव में भी तोड़फोड़ की गई, जबकि कबड़ियनपुरवा में आगजनी का प्रयास किया गया। इस दंगे में ग्रामीण जान बचाने के लिए अपने घरों को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। अब तक दो करोड़ से अधिक की संपत्ति जलकर खाक हो चुकी है।