डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: इस हफ्ते आसमान में एक सुंदर और दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा, क्योंकि भारत में 17 अक्टूबर को हंटर मून देखा जा सकेगा। अक्टूबर का यह हंटर मून इस साल का सबसे बड़ा और नजदीकी सुपरमून होगा। इससे पहले, इस वर्ष तीन सुपरमून नजर आ चुके हैं। खास बात यह है कि अक्टूबर की पूर्णिमा भारतीय संस्कृति और त्योहारों में एक विशेष महत्व रखती है।
शरद पूर्णिमा का महत्व
भारत में इसी महीने शरद पूर्णिमा जिसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा भी कहा जाता है, बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इसे आश्विन मास की पूर्णिमा कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है, जो इसे एक खास खगोलीय घटना बनाता है।
हंटर मून की समय और चमक
नासा की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमा गुरुवार को (अमेरिकी समयानुसार) सुबह अपने चरम पर पहुंचेगा, लेकिन भारत में इसे 17 अक्टूबर की शाम 4:56 बजे से देखा जा सकेगा। यह सुपरमून पूरे तीन दिनों तक अपने पूर्ण रूप में नजर आएगा। चंद्रोदय का समय स्थान के अनुसार भिन्न हो सकता है, लेकिन यह 17 अक्टूबर को सबसे ज्यादा चमकदार होगा। हंटर मून 24 अक्टूबर को अपने अंतिम चरण में प्रवेश करेगा।
खगोलीय घटनाओं की श्रृंखला
इस महीने न केवल सुपरमून देखने का मौका मिलेगा, बल्कि दो धूमकेतू—C/2023 A3 (त्सुचिनशान-एटलस) और C/2024 S1 (एटल)—भी दिखाई देंगे। इसके अलावा, आकाश में एक नया तारा भी चमकते हुए देखा जा सकेगा। साथ ही, अक्टूबर में पांच उल्का बारिश भी अपने चरम पर होंगी, जिसमें 21 अक्टूबर को होने वाली ओरियोनिड्स उल्का वर्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
हंटर मून का ऐतिहासिक महत्व
हंटर मून पश्चिमी देशों में काफी प्रसिद्ध है। पुराने समय में, यह शिकारियों के लिए सर्दियों की तैयारी का संकेत माना जाता था। इस समय शिकारी मांस का संग्रह कर सर्दियों के लिए स्टोर करते थे। हंटर मून के बाद शिकार का सीजन शुरू होता था, क्योंकि यह सर्दियों के आगमन का प्रतीक होता है।
सुपरमून देखने का सबसे अच्छा समय
इस सुपरमून को देखने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के ठीक बाद का है, जब यह क्षितिज के पास होता है। यह चंद्रमा दुनिया भर में देखा जा सकेगा, लेकिन आपके स्थान के आधार पर इसका समय अलग-अलग होगा। भारत में इसे 17 अक्टूबर की शाम 4:56 बजे से देखा जा सकेगा और यह लगभग तीन दिनों तक पूर्ण रूप से नजर आएगा।