मिरर मीडिया। जमशेदपुर। वर्कर्स कॉलेज के एन एस एस की इकाई एक एवम दो की ओर से साइबर क्राइम से सुरक्षा पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की मुख्य वक्ता पूर्वी सिंहभूम के साइबर क्राइम शाखा की डी एस पी जयश्री कुजूर थी। कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने आमंत्रित वक्ता का परिचय देते हुए साइबर क्राइम से सुरक्षा की आवश्यकता को बताया। कार्यशाला में डी एस पी जयश्री कुजूर ने विद्यार्थियों को पीपीटी के द्वारा साइबर क्राइम की जानकारी देते हुए बताया कि अपराध का एक निश्चित स्थान होता है, परंतु सायबर क्राइम का कोई निश्चित स्थान नहीं होता है, इसे साइबर स्पेस कहा जाता है। सायबर क्राइम का प्रमुख क्षेत्र सोशल मीडिया, यू पी आई है। इसी के माध्यम से धोखाधड़ी के ज्यातर मामले आते हैं। VOIP वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल कॉल इंटरनेट पर आधारित होता है, जिसमे देश के अंदर से ही कॉल आता है, परंतु वो विदेश से आया कॉल दिखता है। और व्यक्ति धोखेघड़ी का शिकार हो जाता है। उन्होंने साइबर अपराध का शिकार होने से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सोशल मीडिया में अपनी व्यक्तिगत जानकारी को बताने में सीमित करना चाहिए। सोशल मीडिया के किसी चैट रूम में अपना परिचय गुप्त रखना चाहिए। शॉपिंग मॉल में डिस्काउंट के चक्कर में अपना मोबाइल नम्बर शेयर नहीं करना चाहिए। सोशल मीडिया को प्रयोग करने के बाद हमेशा लॉग आउट करने चाहिए। अलग-अलग स्थानों पर प्रयोग करने के लिए अधिक ई मेल आई डी बना कर रखें, और दो-तीन महीने पर उनका पासवर्ड बदलते रहें। अपना एटीएम कार्ड का पिन भी पांच-छह महीने में बदलते रहना चाहिए। https//: में s सिक्योर का पहचान है, यदि यह नहीं है तो उस वेब पेज को नहीं खोलना चाहिए। किसी वेबसाइट पर जो पेज आप विजिट करना चाह रहे हैं और वहां दिख रहा है कि यह पेज यहां नहीं , अगले पेज पर है, तो सतर्क हो जाना चाहिए। ई मेल पर आए किसी भी अनजान अटेचमेंट को नहीं खोलना चाहिए। ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा डेटा लेकर कार जीतने का प्रलोभन दिया जाता है, इसके कहाँसे में नहीं आये, । हमेशा कैश ओन डिलीवरी का विकल्प चयन करना चाहिए, क्योंकि ऑनलाइन पेमेंट में आपका क्रेडिट डेबिट कार्ड का पूरा डिटेल्स दूसरे के पास चला जाता है। एटीएम में जाने के बाद सावधानी पूर्वक एटीएम का उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर एन एस एस के प्रभारी प्रोफेसर पुष्पा शालो लिंडा तथा श्री अरविंद कुमार, महाविद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित थे।उन्होंने साइबर अपराध का शिकार होने से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सोशल मीडिया में अपनी व्यक्तिगत जानकारी को बताने में सीमित करना चाहिए। सोशल मीडिया के किसी चैट रूम में अपना परिचय गुप्त रखना चाहिए। शॉपिंग मॉल में डिस्काउंट के चक्कर में अपना मोबाइल नम्बर शेयर नहीं करना चाहिए। सोशल मीडिया को प्रयोग करने के बाद हमेशा लॉग आउट करने चाहिए। अलग-अलग स्थानों पर प्रयोग करने के लिए अधिक ई मेल आई डी बना कर रखें, और दो-तीन महीने पर उनका पासवर्ड बदलते रहें। अपना एटीएम कार्ड का पिन भी पांच-छह महीने में बदलते रहना चाहिए। https//: में s सिक्योर का पहचान है, यदि यह नहीं है तो उस वेब पेज को नहीं खोलना चाहिए। किसी वेबसाइट पर जो पेज आप विजिट करना चाह रहे हैं और वहां दिख रहा है कि यह पेज यहां नहीं , अगले पेज पर है, तो सतर्क हो जाना चाहिए। ई मेल पर आए किसी भी अनजान अटेचमेंट को नहीं खोलना चाहिए। ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा डेटा लेकर कार जीतने का प्रलोभन दिया जाता है, इसके झांसे में नहीं आये, ।
हमेशा कैश ओन डिलीवरी का विकल्प चयन करना चाहिए, क्योंकि ऑनलाइन पेमेंट में आपका क्रेडिट डेबिट कार्ड का पूरा डिटेल्स दूसरे के पास चला जाता है। एटीएम में जाने के बाद सावधानी पूर्वक एटीएम का उपयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर एन एस एस के प्रभारी प्रोफेसर पुष्पा शालो लिंडा तथा श्री अरविंद कुमार, महाविद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित थे।
डीएसपी जयश्री कुजूर ने विद्यार्थियों को बताया साइबर क्राइम से बचने के उपाय और सावधानियां

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