झारखंड विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और राज्य की 81 सीटों पर सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। एनडीए और इंडी गठबंधन के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस अब भी धनबाद सीट पर अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है। हालांकि धनबाद के साथ टुंडी सीट से भी भाजपा ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। इन सब के बीच पूर्व मेयर के नाम की चर्चा जोरों पर है। वहीं यह देरी न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है, बल्कि स्थानीय राजनीतिक हलकों में भी इसकी खूब चर्चा हो रही है।
नामांकन की अंतिम तारीख और कांग्रेस की दुविधा
नामांकन प्रक्रिया की अंतिम तारीख अब केवल 4 दिन दूर है, जिसमें से दो दिन शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा। इसका मतलब है कि कांग्रेस के पास उम्मीदवार की घोषणा और नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के लिए सिर्फ 2 कार्य दिवस शेष हैं। इस स्थिति ने पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच चिंता और नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
धनबाद में कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर उहापोह की स्थिति
धनबाद सीट पर कांग्रेस की ओर से जिन नामों की चर्चा हो रही है, जिसमें स्थानीय कार्यकर्ता के मन में असंतोष झलक रही है। बता दें कि इनमें प्रमुख नाम पूर्व मेयर की हो रही है। भाजपा से नाराज़ और टिकट ना मिलने के बाद पूर्व मेयर के नाम की घोषणा कभी भी कांग्रेस कर सकती है हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं है। वहीं इस बाबत उन्होंने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है ये महज एक अफवाह है। इधर अजय कुमार दुबे और मयूर शेखर झा जैसे नामों को लेकर यह आरोप लगाया जा रहा है कि ये नेता सिर्फ चुनाव के वक्त ही धनबाद में दिखाई देते हैं और चुनाव के बाद स्थानीय जनता से उनका संपर्क खत्म हो जाता है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये नेता पार्टी के नियमित आयोजनों और कार्यों में सक्रिय नहीं रहते, जिससे स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष पनप रहा है।
कार्यकर्ताओं की यह भी शिकायत है कि धनबाद से जिन नेताओं के नाम पर चर्चा हो रही है, वे क्षेत्र में सिर्फ चुनावी समय पर ही नजर आते हैं और उसके बाद गायब हो जाते हैं। अजय कुमार दुबे और मयूर शेखर झा जैसे नामों पर कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये नेता धनबाद में सक्रिय नहीं रहते और ऐसे में उनके लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है।
धनबाद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि पार्टी को ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहिए, जो निरंतर क्षेत्र में सक्रिय हो और कार्यकर्ताओं व जनता के दुख-सुख में शामिल होता हो। इससे न केवल पार्टी को चुनाव में बेहतर परिणाम मिल सकते हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं का मनोबल भी ऊंचा रहेगा।
कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा
कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 24 अक्टूबर को अपनी दूसरी सूची जारी की, जिसमें 7 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। पाकुड़ से निशात आलम, बरही से अरुण साहू, कांके (एससी) से सुरेश कुमार बैठा, पांकी से लाल सूरज, डालटनगंज से केएन त्रिपाठी, विश्रामपुर से सुधीर कुमार चंद्रवंशी और छतरपुर से राधा कृष्ण किशोर को टिकट दिया गया है।
हालांकि, धनबाद सीट पर अभी भी उम्मीदवार की घोषणा न होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ती जा रही है। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार धनबाद में चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं और कांग्रेस की इस देरी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा के उम्मीदवारों की सक्रियता और कांग्रेस की परेशानी
जहां कांग्रेस अपने प्रत्याशी की घोषणा के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं भाजपा के उम्मीदवार पहले ही मैदान में उतर चुके हैं और जोर-शोर से अपने प्रचार में जुटे हुए हैं। भाजपा के प्रचार अभियान में तेजी से हो रही सक्रियता ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं, क्योंकि कांग्रेस के पास अब अपने प्रत्याशी के नामांकन और प्रचार के लिए बहुत कम समय बचा है।
झारखंड चुनाव का कार्यक्रम
झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा, जिसमें 43 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा, जिसमें शेष 38 सीटों के लिए वोटिंग होगी। 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
कुल मिलाकर, धनबाद सीट पर कांग्रेस की देरी ने पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। जिसमें अभी तक कांग्रेस ने पूरे उम्मीदवार नहीं उतारे हैं वहीं भाजपा की आक्रामक चुनावी तैयारी और कांग्रेस के अंदर चल रही असमंजस ने चुनावी समीकरण को और दिलचस्प बना दिया है।