प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 4,037 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में एक बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान ईडी ने 503.16 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त किया है। जब्त की गई संपत्तियों में कॉरपोरेट पावर लिमिटेड के प्रमोटर्स, उनके परिवार के सदस्यों और शेल कंपनियों के नाम पर बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड, शेयर, जमीन और बिल्डिंग्स शामिल हैं।
कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और प्रमोटर्स के खिलाफ ED की कार्रवाई
यह मामला कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और इसके प्रमोटर्स मनोज जयसवाल, अभिजीत जयसवाल, अभिषेक जयसवाल तथा अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किए गए धोखाधड़ी के मामले पर आधारित है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर इस धोखाधड़ी की जांच शुरू की गई थी। बैंक ने आरोप लगाया था कि इन प्रमोटर्स ने लोन लेने के लिए परियोजना की लागत में हेराफेरी की और बैंक द्वारा दी गई धनराशि का गलत उपयोग किया।
जांच में हुए बड़े खुलासे
जांच के दौरान पता चला कि कॉरपोरेट पावर लिमिटेड के प्रमोटर्स और अन्य ने लोन की राशि का गलत इस्तेमाल किया और यह धोखाधड़ी 4,037 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इस गलत इस्तेमाल और हेराफेरी से बैंक को कुल 11,379 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में नागपुर, कोलकाता और विशाखापत्तनम में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था, जहां 223.33 करोड़ रुपये की शेयर्स और सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड्स, फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक बैलेंस के साथ 55.85 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की गई थी।
जब्त की गई संपत्तियां
इस बार की कार्रवाई में, ED ने 503.16 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। इनमें प्रमोटर्स और उनके परिवारों से जुड़े कई शेल कंपनियों के नाम पर बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड्स, शेयर्स, जमीन की संपत्तियां, और कई इमारतें शामिल हैं। ईडी का कहना है कि इस संपत्ति कुर्की के जरिए उन्होंने आर्थिक अपराध में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की है और यह मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उनकी निरंतर सक्रियता को दर्शाता है।
ED की आगे की रणनीति
ED ने इस धोखाधड़ी की पूरी गहराई से जांच का निर्णय लिया है। बैंक फंड का इस प्रकार दुरुपयोग कर आम जनता के पैसों का गलत फायदा उठाया गया है। इस कार्रवाई से ईडी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आर्थिक अपराध में लिप्त लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी और देश के आर्थिक ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे अपराधों पर पूरी नजर रखी जाएगी।
आगे की जांच और नतीजे
ईडी की इस कार्रवाई से अब अन्य बैंकों और संस्थानों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आने की संभावना बढ़ गई है। इस प्रकार के आर्थिक अपराध पर नकेल कसने के लिए ईडी ने विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है।