डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: बिहार की मशहूर लोक गायिका और “बिहार कोकिला” के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा का मंगलवार रात करीब 9:20 बजे निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर बुधवार सुबह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचा, जहां से इसे पटना ले जाया जा रहा है। शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना के गुलाबी घाट में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ये घोषणा की है।
गंभीर बीमारी से थीं जूझ रहीं थी शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा पिछले कुछ समय से ब्लड कैंसर की गंभीर बीमारी “मल्टीपल मायलोमा” से जूझ रही थीं, जिसका निदान 2018 में हुआ था। सोमवार को उनकी हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
बेटे ने दी अंतिम संस्कार की जानकारी
उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने अंतिम संस्कार की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी मां का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह पटना पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होगा जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ था। उन्होंने कहा, यह हमारे परिवार और उनके चाहने वालों के लिए बहुत ही दुखद घड़ी है। मेरी मां का मातृत्व उनके गीतों में और उनके व्यक्तित्व में झलकता था, वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर
शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है और यह उनके लिए व्यक्तिगत क्षति भी है।
छठ गीतों से छोड़ी अमिट छाप
72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में अहम योगदान दिया। उनकी मधुर आवाज में छठ महापर्व के गीत सदैव लोकगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजते रहेंगे। बिहार के पारंपरिक लोक संगीत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। शारदा सिन्हा को बिहार के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में देखा जाता है।
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