जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की जीवनी पर आधारित पुस्तक The People’s Leader का विमोचन कल

Anupam Kumar
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जमशेडपुर। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की जीवनी पर आधारित पुस्तक The People’s Leader का विमोचन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 25 नवम्बर को राँची के प्रोजेक्ट भवन सभागार में दिन के 1 बजे करेंगे. चर्चित लेखक विवेकानंद झा ने सरयू राय की जीवनी लिखा है जिसे देश के बड़े प्रकाशकों में से एक दिल्ली के प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. विवेकानंद झा बम्बई में बिहारी विरोधी भावना चरम पर होने के समय एक पुस्तक लिखा था जिसका नाम था “हाँ मैं बिहारी हूँ. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर एक पुस्तक लिखा जिसका नाम है “56 इंचेज”. फिर उन्होंने “लिविंग लिजेंड ऑफ़ मिथिला लिखा. इन पुस्तकों के कारण श्री झा को राष्ट्रीय ख्याति मिली. इन्होंने ही सरयू राय पर यह पुस्तक The people’s Leader लिखा है जिसमें उनके व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक जीवन के कई अनछुये पहलुओं को उजागर किया है. 1974 छात्र आंदोलन, आपातकाल में भूमिका, राजनीति में पदार्पण, विभिन्न मुद्दों पर मतभेद, घोटालों को उजागर करने में भूमिका से लेकर अन्य कई घटनाओं का ज़िक्र श्री झा ने इस पुस्तक में किया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्री लाल कृष्ण आडवाणी के राजनीतिक सलाहकार रहे श्री सुधीन्द्र कुलकर्णी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने पुस्तक की भूमिका लिखा है.चर्चित लेखक विवेकानंद झा ने सरयू राय की जीवनी लिखा है जिसे देश के बड़े प्रकाशकों में से एक दिल्ली के प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. विवेकानंद झा बम्बई में बिहारी विरोधी भावना चरम पर होने के समय एक पुस्तक लिखा था जिसका नाम था “हाँ मैं बिहारी हूँ. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर एक पुस्तक लिखा जिसका नाम है “56 इंचेज”. फिर उन्होंने “लिविंग लिजेंड ऑफ़ मिथिला लिखा. इन पुस्तकों के कारण श्री झा को राष्ट्रीय ख्याति मिली.
इन्होंने ही सरयू राय पर यह पुस्तक The people’s Leader लिखा है जिसमें उनके व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक जीवन के कई अनछुये पहलुओं को उजागर किया है. 1974 छात्र आंदोलन, आपातकाल में भूमिका, राजनीति में पदार्पण, विभिन्न मुद्दों पर मतभेद, घोटालों को उजागर करने में भूमिका से लेकर अन्य कई घटनाओं का ज़िक्र श्री झा ने इस पुस्तक में किया है.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्री लाल कृष्ण आडवाणी के राजनीतिक सलाहकार रहे श्री सुधीन्द्र कुलकर्णी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने पुस्तक की भूमिका लिखा है.

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