फ्रांस के मायोट क्षेत्र में चक्रवात चिडो ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें हजारों लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। मायोट के प्रीफेक्ट फ्रांकोइस-जेवियर बियुविले ने रविवार को बताया कि चक्रवात के कारण हुई बर्बादी का स्तर इतना व्यापक है कि मृतकों की सटीक संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या 1,000 तक पहुंच सकती है।
शनिवार को हिंद महासागर में आए इस उष्णकटिबंधीय चक्रवात ने मायोट द्वीपों में भारी तबाही मचाई है। अधिकारियों ने पहले 11 लोगों की मौत की पुष्टि की थी, लेकिन यह संख्या लगातार बढ़ रही है। मायोट, जो फ्रांस का सबसे गरीब क्षेत्र और यूरोपीय संघ का सबसे निर्धन क्षेत्र है, इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
तबाही का मंजर
चक्रवात चिडो के कारण 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं ने घरों को तहस-नहस कर दिया। कई पेड़ उखड़ गए और नावें पलट गईं या डूब गईं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई इलाकों में बस्तियां पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। इस द्वीप पर लगभग 3 लाख लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकांश प्रभावित हुए हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। राहत और बचाव कार्य तेज करने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।
मायोट की स्थिति
मायोट अफ्रीका के पूर्वी तट से 800 किलोमीटर दूर स्थित है और दो मुख्य द्वीपों में बसा है। यह क्षेत्र पहले से ही गरीबी और संसाधनों की कमी से जूझ रहा था। चक्रवात के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। सरकार और राहत एजेंसियां अब नुकसान का आकलन कर रही हैं और प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।