धनबाद में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। इसी दिशा में आज न्यू टाउन हॉल में धनबाद पुलिस और संस्था “मैं हूँ धनबाद” के संयुक्त प्रयास से सड़क सुरक्षा पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आम जनता और अधिकारियों को प्रशिक्षित करना और तकनीकी जानकारियां प्रदान करना था।
विशेषज्ञों का तकनीकी मार्गदर्शन
कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक, थ्रीएम प्राइवेट लिमिटेड के जीएम रेगुलेटरी अफेयर स्वतंत्र कुमार, ने सड़क सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के खतरनाक प्रभावों को वीडियो क्लिप्स के माध्यम से दर्शाया और समझाया कि सड़क सुरक्षा के लिए चार प्रमुख घटकों – इंजीनियरिंग, एजुकेशन, एनफोर्समेंट और इमरजेंसी केयर (4E) – का संतुलित उपयोग जरूरी है।
उन्होंने बताया कि कैसे दुर्घटनाओं की बार-बार वास्तविक घटनाओं की क्लिप दिखाकर लोगों को सतर्क और जागरूक किया जा सकता है। उनका मानना था कि सड़क दुर्घटनाओं को केवल नियमों के सख्त अनुपालन और व्यवहार परिवर्तन से ही रोका जा सकता है।
पुलिस और प्रशासन के प्रयास
कार्यक्रम में उपस्थित ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि धनबाद के निरसा और गोविंदपुर जीटी रोड जैसे हाईवे पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में इन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं में कमी आई है।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए व्यापक स्तर पर चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। वाहन चालकों के दस्तावेज़, ड्राइविंग लाइसेंस, और वाहन की स्थिति की नियमित जांच की जा रही है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके अलावा, कोलियरी क्षेत्रों में भी प्रॉपर चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।
ब्लैक स्पॉट और ट्रैफिक सिग्नल का महत्व
कार्यक्रम के दौरान ब्लैक स्पॉट्स (वे क्षेत्र जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं) की पहचान और उनके समाधान के लिए विचार-विमर्श किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों में विशेष रूप से ट्रैफिक सिग्नल, रोड साइनेज और स्पीड ब्रेकर लगाने की आवश्यकता है।
सड़क सुरक्षा के 4E’s (इंजीनियरिंग, एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इमरजेंसी केयर ) के माध्यम से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लोगों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
समुदाय का योगदान और जागरूकता
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था “मैं हूँ धनबाद” के सदस्यों का विशेष योगदान रहा। संस्था की प्रेसिडेंट पूजा रत्नाकर और अन्य सदस्यों ने जागरूकता फैलाने और कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से संचालित करने में अहम भूमिका निभाई।
निष्कर्ष और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के अंत में यह निर्णय लिया गया कि सड़क सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने के ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी समाधान, कठोर कानून और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए न केवल प्रशासन बल्कि आम जनता का सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है।
इस सेमिनार ने न केवल पुलिस अधिकारियों और अन्य प्रतिभागियों को जागरूक किया, बल्कि समाज में सड़क सुरक्षा को लेकर एक नई सोच पैदा की।