पुलिस छावनी में तब्दील हुआ मधुबन : हिंसक झड़प के बाद प्रशासन अलर्ट, एसडीपीओ दुर्गापुर रेफर

KK Sagar
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धनबाद जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के हिलटॉप आउटसोर्सिंग में गुरुवार को हुई हिंसक झड़प ने पूरे क्षेत्र को तनावग्रस्त कर दिया। दो गुटों के बीच इस झड़प में गोलीबारी और बमबाजी हुई, जिसमें बाघमारा के एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें धनबाद के असर्फी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद दुर्गापुर मिशन अस्पताल रेफर किया गया है।

पुलिस प्रशासन अलर्ट

घटना के बाद धनबाद के उपायुक्त माधवी मिश्रा, बोकारो रेंज के आईजी माइकल एस राज, डीआईजी सुरेंद्र कुमार झा और डुमरी विधायक जयराम महतो ने असर्फी अस्पताल पहुंचकर घायल एसडीपीओ का हालचाल लिया। SSP एचपी जनार्दनन ने मौके पर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जांच के लिए SIT गठित

आईजी माइकल एस राज ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की जाएगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने घायल एसडीपीओ की स्थिति स्थिर बताई और कहा कि बेहतर इलाज के लिए उन्हें दुर्गापुर भेजा गया है।

झड़प की वजह

हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी पर स्थानीय रैयतों की जमीन पर जबरन चारदीवारी खड़ी करने का आरोप है। इस मामले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और कंपनी समर्थकों के बीच विवाद बढ़ा, जो हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। उपद्रवियों ने गोलीबारी और बमबाजी की, जिसमें एक व्यक्ति को गोली लगी। इसके अलावा, गिरिडीह सांसद के कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया।

इलाके में तनाव, निषेधाज्ञा लागू

घटना के बाद मधुबन थाना क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। SSP के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस टीम ने पूरे इलाके में डेरा डाल दिया है और उपद्रवियों की धर-पकड़ जारी है।

जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए मधुबन थाना क्षेत्र में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अनुमंडल दंडाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि अगले आदेश तक 500 मीटर की परिधि में पांच या अधिक लोगों के जुटने, धरना-प्रदर्शन, रैली, और हथियार लेकर चलने पर रोक लगा दी गई है।

निषेधाज्ञा के नियम और अपवाद

👉 सरकारी कार्यों में लगे अधिकारियों और पुलिस बल पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

👉 विद्यार्थियों और जरूरी कार्यों के लिए आने-जाने वाले लोगों को छूट दी गई है।

👉 शवयात्रा, विवाह और धार्मिक कार्यों के लिए भी प्रतिबंध नहीं होगा।

👉 सिक्खों के कृपाण और नेपालियों के खुखरी रखने पर भी रोक नहीं होगी।

विधायकों और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए डुमरी विधायक जयराम महतो ने घायल एसडीपीओ के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने आउटसोर्सिंग कंपनी के “मनमाने रवैये” के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और रैयतों को उनका हक दिलाने पर जोर दिया।

स्थिति की समीक्षा जारी

पूरे घटनाक्रम की समीक्षा पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही है। SIT की रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय लोग मामले के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

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