संवाददाता, धनबाद: झारखंड पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर 22 जनवरी को राज्य के सभी जिलों में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धनबाद जिले में इस अभियान के तीसरे चरण में कुल छह केंद्रों पर शिविर लगाए गए, जहां नागरिकों की समस्याओं का समाधान किया गया।
कतरास स्थित शिविर का शुभारंभ पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरेंद्र झा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान एसएसपी हृदीप पी. जनार्दनन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। लूबी सर्कुलर रोड पर आयोजित शिविर का उद्घाटन एसएसपी ने स्वयं किया। इस कार्यक्रम में सिटी एसपी अजीत कुमार, ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी और अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
शिविरों में कुल 222 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 28 मामलों का तत्काल निस्तारण कर दिया गया। आवेदन में 75 शिकायतें पुलिस विभाग से जुड़ी थीं, जबकि 147 अन्य विभागों से संबंधित थीं।कतरास शिविर में 55 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 16 पुलिस विभाग से और 39 अन्य विभागों से जुड़े थे। सिंदरी के जोरापोखर शिविर में 22 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें पुलिस और अन्य विभाग से 11-11 शिकायतें थीं। लूबी सर्कुलर रोड स्थित शिविर में 51 आवेदन दर्ज हुए, जिनमें 17 पुलिस विभाग और 34 अन्य विभाग से जुड़े थे।
निरसा पॉलिटेक्निक कॉलेज में आयोजित शिविर में 27 आवेदन दर्ज हुए, जिनमें 15 पुलिस और 12 अन्य विभाग से संबंधित थे। हरदेव धर्मशाला गोविंदपुर शिविर में 56 आवेदन मिले, जिनमें 16 पुलिस और 40 अन्य विभाग से जुड़े थे। टुंडी स्थित मॉडल स्कूल लथुरिया के शिविर में 11 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें सभी अन्य विभागों से संबंधित थे।
इस अवसर पर डीआईजी सुरेंद्र झा ने कहा कि झारखंड पुलिस के इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान प्रदान करना और पुलिस व जनता के बीच विश्वास को मजबूत करना है।
एसएसपी हृदीप पी. जनार्दनन ने बताया कि अभियान के दौरान बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिविरों में पहुंचे। 28 मामलों का निपटारा तुरंत कर दिया गया, जबकि शेष शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजा गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन मामलों का निपटारा तत्काल नहीं हो सका, उनके लिए समय सीमा तय की गई है। इसके लिए जिला स्तरीय विशेष सेल का गठन किया गया है, जो शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करेगा।
इस कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, बिजली विभाग, नगर निगम और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस अवसर पर व्यवस्था में सुधार और नागरिकों की समस्याओं को समझने के लिए कई सुझाव भी सामने आए।