दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश: 2020 दंगा पीड़ितों को मुआवजा जारी करने के निर्देश

KK Sagar
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नई दिल्ली, 15 जनवरी: दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को उत्तर-पूर्वी दंगा दावा आयोग की सिफारिशों के आधार पर मुआवजा जारी करे। जस्टिस सचिन दत्ता ने दंगा पीड़ितों द्वारा दायर 20 याचिकाओं पर विचार करते हुए यह आदेश दिया।

याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली सरकार की “दंगा पीड़ितों की सहायता योजना” के तहत मुआवजे की मांग की थी, जिसमें कुछ पीड़ितों ने बढ़े हुए मुआवजे की भी अपील की। पीड़ितों की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि आयोग ने 14 याचिकाओं पर सिफारिशें दी हैं, हालांकि अनुशंसित राशि उनकी अपेक्षा से कम है। इसके बावजूद, वकील ने अदालत से अपील की कि सरकार को जल्द से जल्द यह राशि जारी करने का निर्देश दिया जाए।

अदालत ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा, “प्रतिवादी नंबर 2 (दिल्ली सरकार) को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ताओं को उत्तर-पूर्वी दंगा दावा आयोग द्वारा अनुशंसित मुआवजा जारी करे।” न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह राशि जारी करना याचिकाकर्ताओं के अन्य अधिकारों और तर्कों को प्रभावित नहीं करेगा।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।

उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगा: एक नजर

फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच भड़की हिंसा ने सांप्रदायिक रूप ले लिया था, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे। दंगों के दौरान करीब 750 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थीं, जिनमें से एक मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज है, जिसमें हिंसा को लेकर साजिश के आरोप लगाए गए हैं।

उत्तर-पूर्वी दंगा दावा आयोग की स्थापना दंगा पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के उद्देश्य से फरवरी 2020 में की गई थी और इसका उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस सूर्यकांत ने नवंबर 2020 में किया था।

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