गाजा पट्टी में करीब 16 महीने की कैद के बाद हमास ने चार इजरायली महिला सैनिकों को रिहा कर दिया है। रिहा की गई सैनिकों की पहचान 19 वर्षीय लिरी अलबाग, 20 वर्षीय डेनिएला गिलबोआ, 20 वर्षीय करीना एरिएव और 20 वर्षीय नामा लेवी के रूप में हुई है। ये सभी 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए नहल ओज़ बेस हमले के दौरान अगवा की गई सात महिला सैनिकों में शामिल थीं। इस हमले में 1,400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने की पुष्टि
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने इस रिहाई की पुष्टि करते हुए बताया कि इन सैनिकों के स्वागत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मैनपावर डायरेक्टरेट और मेडिकल कॉर्प्स ने प्रारंभिक स्वागत केंद्र स्थापित किए हैं, जहां सैनिकों की चिकित्सा जांच और परामर्श किया जाएगा। इसके बाद उन्हें अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां वे अपने परिवार से मिलेंगी और आगे की देखभाल प्राप्त करेंगी।
रिहाई के पीछे कूटनीतिक प्रयास
गाजा में जारी संघर्ष के बीच यह रिहाई कूटनीतिक प्रयासों का एक महत्वपूर्ण परिणाम मानी जा रही है। इजरायल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के माध्यम से बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास किए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम तनावपूर्ण हालात को कुछ हद तक कम कर सकता है और आगे की बातचीत का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
परिवारों में खुशी की लहर
रिहाई की खबर के बाद सैनिकों के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। परिजनों ने सरकार और सुरक्षा बलों के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि गाजा संघर्ष के कारण क्षेत्र में अब भी अशांति बनी हुई है और अन्य बंधकों की रिहाई को लेकर प्रयास जारी हैं।