उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू, सीएम धामी करेंगे ऐलान

KK Sagar
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देहरादून: उत्तराखंड आज इतिहास रचने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज दोपहर 12:30 बजे राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लागू करने का औपचारिक ऐलान करेंगे। इस अवसर पर यूसीसी वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा, जिसके माध्यम से नागरिक इस कानून की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। उत्तराखंड गृह सचिव शैलेश बगौली ने आदेश जारी कर सभी विभागों के प्रमुखों और पुलिस अधिकारियों को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। यह संहिता शादी, तलाक, मेंटिनेंस, संपत्ति का अधिकार, गोद लेना और उत्तराधिकार जैसे विषयों को कवर करेगी।

क्या बदलेगा यूसीसी लागू होने के बाद?

शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

तलाक के लिए सभी धर्मों के लिए एक समान कानून लागू होगा।

विवाह के लिए लड़कियों की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होगी।

सभी धर्मों को बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, लेकिन दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।

राज्य में हलाला और इद्दत प्रथाएं समाप्त हो जाएंगी।

एक पत्नी/पति के रहते दूसरा विवाह पूर्णतः प्रतिबंधित होगा।

जायदाद में लड़के-लड़कियों को बराबर हिस्सेदारी मिलेगी।

लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

लिव-इन में रहने वाले जोड़ों की उम्र 18 और 21 साल से कम होने पर माता-पिता की सहमति जरूरी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चों को विवाहित जोड़े के बच्चों की तरह अधिकार प्राप्त होंगे।

हालांकि, अनुसूचित जनजातियों को यूनिफॉर्म सिविल कोड से बाहर रखा गया है।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ है कि देश में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू हो, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या लिंग से हों। इसके तहत शादी, तलाक, गोद लेना, संपत्ति के अधिकार जैसे मामलों में धार्मिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।

बीजेपी के चुनावी वादे की पूर्ति

उत्तराखंड में साल 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सत्ता संभालते ही सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी को मंजूरी दी थी और इसके मसौदे के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।

उत्तराखंड में लागू होने के बाद असम सहित कई अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाने की इच्छा जताई है। इस कदम से उत्तराखंड समान नागरिक कानून लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा, जिससे सामाजिक समानता और कानूनी सुधार को मजबूती मिलेगी।

उत्तराखंड सरकार के इस फैसले को देशभर में समानता और न्याय की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे राज्य को नई पहचान मिलेगी और नागरिकों को एक समान कानून के तहत अधिकार और कर्तव्यों की स्पष्टता प्राप्त होगी।

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