संवाददाता, धनबाद: वैलेंटाइन डे को प्यार और रिश्तों का जश्न माना जाता है, लेकिन कई बार यह दिन युवाओं के लिए भावनात्मक उथल-पुथल भी लेकर आता है। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के पंचेत निवासी 24 वर्षीय रसिक मंडल की प्रेम कहानी भी इसी उथल-पुथल का शिकार हो गई। वैलेंटाइन के अगले ही दिन प्रेमिका से विवाद के बाद उसने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश कर ली।
कैसे बहक जाते हैं युवा?
आजकल सोशल मीडिया और फिल्मों के प्रभाव में युवा प्यार को एक परीकथा की तरह देखने लगते हैं। लेकिन जब वास्तविकता में किसी रिश्ते में मुश्किलें आती हैं, तो वे खुद को संभाल नहीं पाते। प्यार में मिला अस्वीकार, ब्रेकअप या किसी बात पर झगड़ा कई युवाओं को मानसिक तनाव की ओर धकेल देता है।
भावनाओं पर काबू क्यों नहीं रहता?
रिश्तों में कम्युनिकेशन गैप, बढ़ती अपेक्षाएं और भावनात्मक अस्थिरता युवाओं को जल्दी हताश कर देती है। रसिक मंडल के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। वैलेंटाइन डे पर खुश रहने वाला युवक महज 24 घंटे के भीतर जहर खाने पर मजबूर हो गया।
समाज और परिवार की भूमिका
आज के दौर में युवाओं को रिश्तों को समझने और कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने की सीख देने की जरूरत है।
- माता-पिता को अपने बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए ताकि वे भावनात्मक रूप से मजबूत बनें।
- शिक्षकों और काउंसलरों को युवाओं को प्यार और रिश्तों की वास्तविकता समझाने की पहल करनी चाहिए।
- युवाओं को यह समझना होगा कि एक असफल रिश्ता जीवन का अंत नहीं है।
क्या किया जाए?
रसिक मंडल का मामला एक चेतावनी है कि प्यार को जुनून नहीं बनने देना चाहिए। रिश्ते में टकराव, असहमति और ब्रेकअप हो सकते हैं, लेकिन आत्महत्या या गलत कदम इसका हल नहीं है। प्यार अगर आपको कमजोर बना रहा है, तो वह प्यार नहीं, एक मानसिक दबाव है।
युवाओं के लिए संदेश
प्यार अगर जीवन का हिस्सा है, तो जीवन उससे भी ज्यादा कीमती है। अगर किसी रिश्ते में समस्या आ रही है तो खुलकर बात करें, दोस्तों और परिवार से सलाह लें, और सबसे जरूरी – कभी भी हार मत मानें।