संवाददाता, धनबाद: झारखंड में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। मंगलवार को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर अभाविप कार्यकर्ताओं ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष का पुतला दहन किया। अभाविप ने दसवीं कक्षा की हिंदी और विज्ञान की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की घटना की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की।
प्रदेश सह मंत्री अंशु तिवारी ने कहा कि झारखंड अधिविध परिषद परीक्षाओं की सुचिता बनाए रखने में विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शिक्षा व्यवस्था सुधारने के दावे कर रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा नियुक्त जैक अध्यक्ष पहली ही परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित नहीं करवा सके।
पेपर लीक मामले में अभाविप ने की सीबीआई जांच की मांग
अंशु तिवारी ने कहा कि पेपर लीक की घटनाएं विद्यार्थियों के मानसिक तनाव और परीक्षा परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि सरकार को विद्यार्थियों के हित में न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जैक अपनी कार्य प्रणाली में सुधार नहीं करता है, तो अभाविप चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होगी।
अभाविप कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी
जब अभाविप कार्यकर्ता जैक अध्यक्ष को ज्ञापन देने पहुंचे, तो प्रशासन ने उन पर लाठीचार्ज किया। अभाविप झारखंड प्रदेश सह मंत्री ऋतुराज सहदेव और सौरभ यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। अभाविप ने इसे शिक्षा विरोधी सरकार की साजिश करार देते हुए कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की।
झारखंड में परीक्षा प्रणाली सवालों के घेरे में
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रियंका गोराई ने कहा कि पहले जेपीएससी और जेएसएससी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए और अब मैट्रिक परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होना राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यह उन मेधावी छात्रों के साथ अन्याय है, जो पूरे वर्ष मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करते हैं। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
इस विरोध प्रदर्शन में प्रियंका गोराई, विक्की ठाकुर, साक्षी, विशाल कश्यप, हरगोविंद, अभय जैसवाल, अमित तिवारी, साक्षी सिद्धार्थ समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। अभाविप ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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