शशि थरूर और कांग्रेस के बीच बढ़ती खटास: सियासी समीकरण बदलने के संकेत

KK Sagar
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कांग्रेस से नाराजगी और विकल्पों की तलाश

शशि थरूर ने अपने बयानों में संकेत दिया है कि वह कांग्रेस नेतृत्व से नाखुश हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि तिरुवनंतपुरम से चार बार सांसद चुने जाने का अर्थ है कि जनता उनके विचारों और स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, “मैं पार्टी के लिए हमेशा तैयार हूं, लेकिन अगर कांग्रेस को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है, तो मेरे पास अन्य विकल्प उपलब्ध हैं।” उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

अब सवाल यह उठता है कि शशि थरूर किस विकल्प की बात कर रहे हैं? क्या वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर झुकाव दिखा रहे हैं या फिर एलडीएफ के करीब जाने की योजना बना रहे हैं? क्योंकि उन्होंने दोनों की कई बार तारीफ की है। भाजपा और एलडीएफ दोनों ही उनकी राजनीतिक सूझबूझ और नेतृत्व क्षमता की सराहना कर चुके हैं।

कांग्रेस से खुद को ऊपर बताया

शशि थरूर ने यह भी कहा कि तिरुवनंतपुरम में उनका जनाधार कांग्रेस पार्टी से अधिक मजबूत है। उन्होंने दावा किया कि लोग उनकी बातचीत और व्यक्तित्व को पसंद करते हैं, यहां तक कि वे लोग भी जिन्होंने आमतौर पर कांग्रेस को वोट नहीं दिया, उन्होंने भी उनका समर्थन किया। इससे यह संकेत मिलता है कि थरूर खुद को केरल में कांग्रेस नेतृत्व के लिए एक मजबूत दावेदार मानते हैं।

राहुल गांधी से असंतोष

हाल ही में दिल्ली में हुई एक महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान शशि थरूर ने राहुल गांधी के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी से हुई इस बातचीत में उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई। थरूर का मानना है कि उन्हें संसद में पार्टी का नेतृत्व संभालने के पर्याप्त मौके नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब राहुल गांधी को संसदीय दल का नेता बनाया गया था, तब भी उन्होंने कोई विरोध नहीं किया, लेकिन अब उनकी भूमिका सीमित कर दी गई है।

आगे क्या?

शशि थरूर के ये बयान और उनके हाल के रुख को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक इस बात की अटकलें लगा रहे हैं कि वह जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। यदि कांग्रेस नेतृत्व उनकी चिंताओं को नजरअंदाज करता है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वह किस राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ते हैं। क्या वह कांग्रेस में ही रहकर अपनी स्थिति मजबूत करेंगे, या किसी अन्य पार्टी के साथ नया राजनीतिक सफर शुरू करेंगे—यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

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