मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के बाद पहली बड़ी बैठक, गृह मंत्री अमित शाह ने दिए अहम निर्देश

Anupam Kumar
4 Min Read

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अहम बैठक की। इस बैठक में राज्य की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और सामान्य हालात बहाल करने पर चर्चा हुई।

गृह मंत्री ने खासतौर पर अवैध और लूटे गए हथियारों के आत्मसमर्पण पर जोर दिया। बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि 8 मार्च से सभी सड़कों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जाए और अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मई 2023 से पहले की स्थिति बहाल करने की कोशिश

सूत्रों के अनुसार, अमित शाह को मणिपुर की मौजूदा कानून-व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक का मुख्य फोकस मई 2023 से पहले की सामान्य स्थिति को बहाल करना और हिंसा के दौरान लूटे गए हथियारों को सरेंडर कराना था।

बता दें कि मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर विधानसभा को निलंबित कर दिया गया।

300 से अधिक हथियार सरेंडर, छह मार्च तक की नई समय सीमा

20 फरवरी को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने अवैध और लूटे गए हथियारों को आत्मसमर्पण करने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद सात दिनों के भीतर 300 से अधिक हथियार सरेंडर किए गए।

इसमें मैतेई समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा आत्मसमर्पित किए गए 246 आग्नेयास्त्र भी शामिल हैं। अब राज्यपाल ने हथियार सरेंडर करने की समयसीमा छह मार्च तक बढ़ा दी है।

इस दिन शाम 4 बजे तक लोग अपने अवैध हथियार जमा करवा सकते हैं। पहाड़ी और घाटी के लोगों ने सरकार से और समय देने की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। पिछले 22 महीनों में जारी हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस से हथियार लूटे गए थे।

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की सक्रियता दिखाने लगी असर

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला पूर्व केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं। उन्होंने अगस्त 2024 तक पांच साल तक गृह मंत्री अमित शाह के साथ काम किया। 24 दिसंबर 2024 को उन्हें मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 3 जनवरी 2025 को उन्होंने पदभार संभाला।

राज्यपाल बनने के बाद से भल्ला लगातार मणिपुर के विभिन्न वर्गों से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने शांति बहाल करने के लिए लोगों से सुझाव लिए और अब इसका असर जमीन पर दिखने लगा है।

अवैध हथियारों के सरेंडर में तेजी और सड़कों पर हालात सामान्य करने के प्रयास इसका प्रमाण हैं। सरकार के इन प्रयासों के बाद अब मणिपुर में शांति बहाली की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि, यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में आ पाती है या नहीं।

Share This Article